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23 दिसम्बर, 2024
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Madhubani का एक स्कूल, 773 छात्र, 14 शिक्षक, कक्षा 10 तक की पढ़ाई, मगर थोड़ी सी बूंदाबांदी में बज जाती है छुट्‌टी की घंटी, वजह जानकर हैरान रह जाएंगें सरकार!

स्कूल के पास एक भी कमरे नहीं, कलमबाग और बांसबारी में अलग-अलग बैच बनाकर वर्ग कक्ष का हो रहा संचालन, हद है...ये व्यवस्था, कैसे ज्ञानवान बनेगा खुटौना, पढ़िए DeshajTimes.Com EXCLUSIVE

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खजौली/मधुबनी, देशज टाइम्स। प्रखंड क्षेत्र में एक ऐसा भी विद्यालय है, जिसे दर्जा तो मिला है उच्च माध्यमिक का लेकिन मौसम के अनुसार ही विद्यालय में बच्चों के वर्ग संचालित किये जाते हैं।

जानकारी हो कि प्रखंड के कन्हौली पंचायत के चापी गांव के मल्लिक टोल स्थित संचालित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन के आभाव में बच्चों का पठन पाठन कार्य शिक्षकों की ओर से कलमबाग और बांसबारी में करना मजबूरी बनी हुई है।

आलम यह है कि, भवन के अभाव के कारण हल्की भी बूंदाबंदी व तेज बारिश होते ही बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है। वहीं, तेज बारिश होने पर कलमबाग या बांसबारी में जलजमाव हो जाने पर बच्चों को पानी सूखने तक विद्यालय आने के लिए इंतजार करना पड़ता है।

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जानकारी हो कि, विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक कुल 633 वहीं वर्ग 1 से 10 तक 140 बच्चे नामांकित हैं। वहीं, एचएम सहित कुल 14 शिक्षक व शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं।

विद्यालय में कुल दो कमरे हैं। इसमें वार्ड 9 और 10 के छात्र-छात्राओं का वर्ग कक्ष किसी तरह संचालित किया जाता है। वहीं, भवन न रहने के कारण वर्ग 1 से 8 तक के बच्चों को शिक्षकों की ओर से खुले आसमान के नीचे कलमबाग और बांसबारी में अलग-अलग जगहों पर बैच बनाकर वर्ग कक्ष का संचालन किया जाता है।

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विद्यालय में समुचित रूप से भवन नहीं रहने के कारण बच्चे सहित विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक शिक्षिकाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, विद्यालय में पद स्थापित शिक्षकों की माने तो उन्होंने बताया कि विद्यालय के वर्ग 1 से 8 तक के लिए भवन नहीं रहने कारण काफी दिक्कत उठानी पड़ती है।

जहां एक तरफ दो भवन में वर्ग 9 और 10 का संचालन किया जाता है। तो वहीं, दो और कमरे में एक भंडार कक्ष है। जहां, दूसरे विद्यालय का कार्यालय संचालित किया जाता है।

विद्यालय में भवन नहीं रहने कारण नामांकित बच्चों के अभिभावक विद्यालय भेजने से कतराते रहते हैं। वहीं, विद्यालय के एचएम धैर्यनाथ चौधरी बताते हैं कि विद्यालय परिसर में ही कम से कम दो कमरे का निर्माण हो सके, इसके लिए जमीन उपलब्ध है।

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भवन निर्माण के लिए कई बार जिले के वरीय पदाधिकारी को लिखित व मौखिक रूप से सूचना देने के बावजूद अभी तक भवन निर्माण के लिए कोई भी कार्य योजना नही शुरू की गयी है।

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