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14 सितम्बर, 2024
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Darbhanga में बाबा की नगरी कुशेश्वरस्थान में कमला बलान क्यों गुस्से में है…! ये तो सुघराइन को तबाही में घसीट रही

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कुशेश्वरस्थान, देशज टाइम्स। पूर्वी प्रखंड का सुघराइन पंचायत और उसका भरैन मुसहरी टोला इन दिनों कमला बलान नदी की जद में रह-रहकर कटाव की सेंधमारी में फंसा है। यहां के लोग इसे टोला के अस्तित्व पर खतरा मान रहे हैं, जहां लगातार यहां के लोगों के घर नदी के कटाव में बह रहा है।

पूर्वी प्रखंड के सुघराईन पंचायत के भरैन मुसहरी टोला में 40-45 दलित एवं महादलित परिवार के 250-300 की आबादी निवास करते हैं। सभी परिवार गरीब एवं भूमिहीन हैं, मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इनके सामने आज विकट स्थिति उत्पन्न हो गई।

इन दिनों यहां कमला की कटाव तेज है। हालांकि, पानी घटा है। ढ़लान पर है लेकिन, सुघराइन पंचायत के भरैन मुसहरी टोला लगातार पानी के झांसे में आ रहा है। पिछले कई सालों की बात करें तो कटाव से लगभग 25-30 परिवारों का घर नदी में विलीन हो चुका है।

प्रभावित परिवार विस्थापित होकर कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध पर झोपड़ी बनाकर रहने के लिए विवश हैं। इस वर्ष भी उक्त टोला के आधे दर्जन घर नदी के तेज धारा में बह गया है।

बताते चलें कि पूर्वी प्रखंड के सुघराईन पंचायत अन्तर्गत भरैन मुसहरी टोला में 40-45 दलित एवं महादलित परिवार के मंच 250-300 लोग निवास करते थे। सभी परिवार गरीब एवं भूमिहीन है। सभी परिवार के लोग गांव में मजदूरी कर अपने परिवार को भरण पोषण करते हुए खुशहाल भरी जिंदगी व्यतीत करते थे।

वर्ष 2011-12 में जब अधूरे पड़े कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध को कोठराम से फुहिया तक विस्तार करने के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया तो सुघराईन पंचायत के यह दलित महादलित टोला भरैन मुसहरी बांध के पुरब पड़ गया।यही से इस टोला के लोगों का कष्टमय भरी जिंदगी शुरू हुई। वर्ष 2015-16 में यह तटबंध बन कर तैयार हो गया। तटबंध का निर्माण इसके किनारे से मिट्टी काटकर बनाया गया।

इससे भरैन मुसहरी और तटबंध के बीच में गहरा गढ़्ढ़ा बन गया।जो बाढ़ के दिनों में कमला बलान नदी के थरघटिया से नदी का एक अलग उपधारा का रुप धारण कर लिया है। जिससे पानी के तेज धारा में हर साल भरैन मुसहरी के एक से डेढ़ दर्जन परिवारों का घर नदी में कट कर विलीन हो रहा है।

जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय कुमार ने बताया कि एक-दो दिन में प्रभावित जगहों का वे स्वयं निरीक्षण करेंगे। उक्त टोला को बचाने के लिए धार क्लोजर का काम कराया जाएगा। नदी में हो रहे कटाव की जद में आए परिवार के लोगों के सामने हर समय मौत का खतरा बना रहता है।

इससे पूर्व पिछले सात-आठ वर्षों में कमल सदा, अशर्फी सदा, राम सागर सदा, सिया राम सदा, साहेब सदा, प्रभू सदा, छोटे लाल सदा, अजय सदा, विजय सदा, नीतीश सदा, जोगिंद्र सदा, सत्तो सदा, सोमन सदा, भीखो सदा, दशरथ सदा, लालू सदा सहित लगभग 25-30 परिवार का घर नदी में कटकर विलीन हो चुका है।

इस साल अब तक रुदल सदा,इंदुल सदा, सोगारथ सदा, रोहित सदा तथा रतन सदा का घर बह गया। पीड़ित परिवार 7-8 वर्षों से तटबंध पर विस्थापित होकर धूप और बारिश में खानाबदोश जीवन बिता रहे हैं।

पंचायत के मुखिया सुधा कुमारी के प्रतिनिधि व पूर्वी प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष राम भजन यादव एवं ग्रामीण समाजसेवी राहुल कुमार ने बताया पीड़ित परिवार रात के अंधेरे में जंगली बिसौले कीड़े मकोड़े के साथ साथ जंगली जानवरों से बचाव के लिए परिवार के वयस्क महिला एवं पुरूष बारी बारी से रतजगा कर अपने सोये हुए बच्चों को रखवाली करते हुए रात व्यतीत करते हैं।

लोगों ने बताया कि कटाव के कारण बिजली के पोल भी धाराशाई हो गया है। किसी तरह बांस बल्ला के सहारे विभागीय कर्मी बिजली की आपूर्ति करा रहे हैं। बाढ़ के समय हर साल इन विस्थापित परिवारों को अंचल प्रशासन से पोलीथीन सीट दिया जाता है।इस बार भी सभी विस्थापितों को पोलीथीन सीट दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अंचल प्रशासन से विस्थापित परिवारों के लिए तटबंध पर पांच चापाकल एवं 10 शौचालय का निर्माण करने की मांग किया गया है।एक दो दिन में चापाकल एवं शौचालय का निर्माण कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस टोला के लोगों के लिए विस्थापित कर अलग ऊंचा स्थान पर बसाने की आवश्यकता है। इसके लिए इसी वर्ष मार्च महीने में जल संसाधन मंत्री को कुशेश्वरस्थन के शंकरा मॉर्डन स्कूल एवं फुहिया में आयोजित कार्यक्रमों में भरैन मुसहरी टोला के महादलित परिवार को पूनर्वास के लिए ऊंचा स्थान चयनित कर इन्हें बसाने की मांग किया गया था। उन्होंने एसडीओ को इसके लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। लेकिन इससे आगे इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं पूर्वी सीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि विस्थापित परिवारों को पोलीथीन सीट दिया गया है। पीड़ित परिवार स्थाई रूप से परिवारों के साथ तटबंध पर रह रहे हैं। इसलिए सामुदायिक किचन चलाने की आवश्यकता नहीं है।

अंचलाधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि तटबंध पर चापाकल गाड़ने के लिए पाइप गिरा दिया गया है। दो यूनिट शौचालय का भी निर्माण कराने की तैयारी चल रही है। हर वर्ष की तरह इस बार भी पालीथीन शीट दिया गया है।

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