दरभंगा, देशज टाइम्स। लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के लिए प्रतिनियुक्त किए गए दरभंगा के सभी सेक्टर पदाधिकारियों को लोकसभा आम निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयमुक्त सम्पन्न करवाने के लिए दरभंगा प्रेक्षागृह में एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी राजीव रौशन (Workshop regarding preparation for Lok Sabha elections in Darbhanga) की अध्यक्षता में किया गया।
प्रेस नोट जारी होने के बाद बहुत कम समय मिलता है
प्रशिक्षण के प्रारंभ में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने उन्हें संबोधित करते हुए बताया कि चुनाव की तिथि से 06 माह पूर्व से ही चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए सेक्टर पदाधिकारियों की ओर से अपने क्षेत्र में तैयारी प्रारंभ कर दी जाती है। साथ ही, यह आवश्यक भी है, क्योंकि प्रेस नोट जारी होने के बाद बहुत कम समय मिलता है।
सभी मतदान केंद्रों के रूट से भली भांति परिचित होना जरूरी
एक सेक्टर पदाधिकारी को अपने क्षेत्र के भेद्यता की मैपिंग भी करनी है। सभी मतदान केन्द्रों पर आयोग की ओर से निर्धारित 11 प्रकार के सुनिश्चित न्यूनतम सुविधा सुनिश्चित करनी है,पूरे क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों के रूट से भली भांति परिचित होना है।
गत चुनाव से सीख लेने की जरूरत
उन्होंने कहा कि विगत चुनाव का इतिहास में व्यवधान उत्पन्न करने वाले तत्व की जानकारी लेनी होती है और इसका प्रतिवेदन भी उपलब्ध कराना होता है ताकि तदनुसार विधि व्यवस्था की कार्रवाई की जा सके।
मॉक पोल के लिए तैयार रहना प्राथमिकता
मतदान तिथि के एक दिन पूर्व रात्रि में यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी मतदान केन्द्रों पर सभी मतदान कर्मी, पीठासीन पदाधिकारी एवं पुलिस बल पहुंच चुके हैं। साथ ही मतदान तिथि को प्रातः से ही सभी पीठासीन पदाधिकारी को मॉक पोल के लिए तैयार करवाना होता है। उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्र पर ईवीएम कार्यरत रहे यह सुनिश्चित करना होता है।
ईवीएम को लेकर ध्यान रखने की जरूरत
मॉक पॉल के उपरांत मॉक पॉल का डिलीट करवा कर वीवीपैट से मॉक पोल की पर्ची हटाकर स-समय मतदान प्रारंभ करवाना सुनिश्चित करना होता है। मॉक पॉल के पहले एवं बाद में ईवीएम के किसी पार्ट को बदलने की आवश्यकता पड़ती है तो सुरक्षित ईवीएम भी सेक्टर पदाधिकारी के पास ही रहता है और दो घंटे के अंदर ईवीएम का वह पार्ट या पूरा ईवीएम बदलना होता है,इसकी जानकारी भी आवश्यक है।
ईवीएम को लेकर क्या है जिम्मेदारी
साथ ही ईवीएम को चार वर्ग में वर्गीकृत क्रमशः ए,बी,सी,डी में किया जाता है,इसकी जानकारी अपेक्षित है। किस वर्ग का ईवीएम कहां जमा होगा यह प्रशिक्षण के दौरान बताया जाएगा। मतदान शांतिपूर्ण, स्वतंत्र,निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में मतदान कर सारे वैधानिक(स्टेचुरी),अवैधानिक (नन स्टेचुरी) पैकेट की तैयारी करवाते हुए ईवीएम के साथ बज्रगृह तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेवारी सेक्टर पदाधिकारी की है,इसलिए सेक्टर पदाधिकारी का दायित्व सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो, यह भी करना होगा तय
उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिसूचना जारी होने से लेकर मतदान संपन्न होने तक आपके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो यह सुनिश्चित करवाना भी सेक्टर पदाधिकारी की जिम्मेवारी है।
गंभीरता से ईवीएम प्रशिक्षण की मिली सीख
उन्होंने कहा कि इसलिए पूरी गंभीरता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया जाए तथा ईवीएम की भी जानकारी अच्छी तरह से प्राप्त कर लें, ताकि मतदान के दौरान छोटी-मोटी तकनीकी समस्या का निदान आपके द्वारा तुरंत किया जा सके। उल्लेखनीय है कि विधानसभा क्षेत्र वार एवं प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर के साथ ईवीएम लगाया गया था।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में नगर पुलिस अधीक्षक सागर कुमार,अपर समाहर्ता-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, अपर समाहर्ता आपदा सलीम अख्तर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद,उप निर्वाचन पदाधिकारी सुरेश कुमार, श्रम अधीक्षक राकेश कुमार रंजन,डीसीएलआर बिरौल एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।