back to top
4 दिसम्बर, 2024
spot_img

Nitish Kumar | 1 मार्च 1951…73 साल…5 दशक…Grand Alliance King…18 सालों से Bihar के युवा कप्तान, Happy Birthday CM Nitish Kumar

नीतीश सबके हैं। वह सर्वमान्य हैं। खुद के नेता हों या विपक्ष या गठबंधन के। कोई कहीं बहके। लौट के यहीं आना है जहां नीतीश कुमार खड़े हैं। यानि, बिहार की राजनीतिक लाइन वहीं से शुरू होती है जहां नीतीश हैं। भले, विपक्ष उनके सामने रोड़ा बनकर खड़ा हो। फर्क कहां पड़ता है। बस, नीतीश कुमार की एक मुस्कान और बाकी सब चारों खाने यूं, बेअसर होकर खड़े मिले हैं, जहां बड़े नेता भी सीएम नीतीश कुमार को बधाई देने में आज शामिल हैं। बात बिहार की जब भी करेंगे, वह बिना नीतीश के अधूरे रहेंगे, आज नहीं कल भी...। कारण, जो कलतलक फासले में थे, आज गलबाहियां लिए खड़े हैं, जो साथ थे, फासले में हैं।

spot_img
spot_img

देशज टाइम्स | Highlights -

spot_img

18 साल बतौर सीएम, यह रिकार्ड, यह उपलब्धि, यह ताकत, यह विश्वास, यह हकीकत, यह मेहनत, यह निष्ठा, यह कर्त्तव्यनिष्ठता, यह राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत व्यक्तित्व, यह राज्यप्रेम…शायद बिहार में कभी टूटेगा, कोई तोड़ेगा, किसी को इतनी बेशुमार जनता से प्यार, स्नेह, मोहब्बत मिल पाएगा। यह वर्तमान परिवेश और यहां के राजनेताओं के खंडित होते चरित्र और उनके स्वार्थ लोपुता में लिप्तता को देखते, कहना, समझना, इसे स्वीकारना फिलहाल मुश्किल। कारण साफ, कोई विकल्प इतने लंबे सालों वाला फिलहाल दिखता, सामने नहीं है…बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है…सर्वमान्य

Nitish Kumar | एक संपूर्ण बादशाह। राजनीति का शहंशाह। खतरों का खिलाड़ी। सर्वगुण संपन्न। जनसरोकार से जुड़े। बिहार की माटी

बि

हार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Birthday)। एक संपूर्ण बादशाह। राजनीति का शहंशाह। खतरों का खिलाड़ी। सर्वगुण संपन्न। जनसरोकार से जुड़े। बिहार की माटी और उसकी सौंधी खुशबू को हर नफस में समेटे। उसी की आवाज बनें, उसकी मर्यादा की रक्षा सूत्र को हाथों में बांधे, संघर्ष की पथ से बिहार को अगुवा बनाने वाले, तमसो मा ज्योतिर्गमय के ध्वजवाहक, मां की कृपा से जन-जन की आवाज बनें नीतीश कुमार आपको जन्मदिन की असीम, हार्दिक, बधाई, ढ़ेरो शुभकामनाएं…।

Nitish Kumar | क्योंकि आज है सीएम नीतीश कुमार का  जश्नोत्सव। संपूर्ण देश उन्हें बधाई संदेश भेज रहा है।

आज शुक्रवार है। मगर बेहद खास। क्योंकि आज है सीएम नीतीश कुमार का 73 साल होने का जश्नोत्सव। देश भर से उन्हें बधाई मिल रही है। बधाई देने वालों में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हैं हीं। संपूर्ण बिहारी की राजनीति और यहां की जनता अपने भावुक और हंसमुख सीएम को बधाई देने खड़ा है।

Nitish Kumar | नीतीश कुमार की एक मुस्कान और बाकी सब चारों खाने यूं, बेअसर होकर खड़े मिले हैं,

परिस्थिति चाहे विस्मय से भरा हो। उनपर आरोपों की बौछार हो। खुद के नेता बहक गए हों। विपक्ष उनके सामने रोड़ा बनकर खड़ा हो। मगर, नीतीश कुमार की एक मुस्कान और बाकी सब चारों खाने यूं, बेअसर होकर खड़े मिले हैं, जहां बड़े नेता भी सीएम नीतीश कुमार को बधाई देने में आज शामिल हैं।

Nitish Kumar | जन्मदिन मुबारक हो…

सीएम को उनके जन्मदिन पर पूर्व जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और जदयू के सर्वमान्य नेता राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा तो हैं ही। स्वंय पीएम नरेंद्र मोदी, विपक्ष के तेजस्वी यादव भी बधाई संदेश देना नहीं भूले हैं। उनके दीर्घायु होने की कामना आज संपूर्ण देश कर रहा है।

Nitish Kumar | बात उनकी शुरूआती दिनों की, जहां कुर्सी उनसे सात दिनों में ही छीन गई…।

आज देशज टाइम्स आपको बताएगा, आखिर नीतीश कुमार को बिहार की सियासत का बेताज बादशाह क्यों कहा जाता है। बात उनकी शुरूआती दिनों की, जहां कुर्सी उनसे सात दिनों में ही छीन गई…। हर बड़े नायक का आगाज ऐसा ही होता है, तो बिहार के विकास पुरूष कहां पीछे रहने वाले हैं।

Nitish Kumar | बिहार की सत्ता और यही नाम सबसे ऊपर था है और रहेगा।

नीतीश कुमार। बिहार की सत्ता और यही नाम सबसे ऊपर था है और रहेगा। उनके सामने पैर जमाने की हिम्मत, दिखाने और धकियाने वाला कोई दिख नहीं रहा। यही वजह रही, उन्हें कोई अभी तक उखाड़ ना सका। 18 साल से बिहार की सियासत नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द है। इसमें उनकी मर्जी, उनकी जरूरत, बिहार की राजनीतिक संभवनाएं ही दिखी, जब चाहते हैं, बीजेपी के साथ जब चाहते हैं आरजेडी के साथ।

Nitish Kumar | मुख्यमंत्री बनना मायने नहीं। मायने है, विकल्प हीन बिहार की सियासत को मजबूर स्तंभ उसे आधार देना,

आखिर, मुख्यमंत्री बनना मायने नहीं। मायने है, विकल्प हीन बिहार की सियासत को मजबूर स्तंभ उसे आधार देना, जो नीतीश देते रहे हैं, उसी के लिए जाने जाते हैं। बधाई हो, बीते पांच दशक और बिहार की सियासत को खुद को समेटे 18 सालों से राज्य की कमान को बखूबी संभाले नीतीश कुमार 73 साल में भी युवा हैं। युवाओं के लिए ही सोचते, उसे अगुवा बनाने की जिद लिए खड़े हैं।

Nitish Kumar | रह चुके हैं केंद्रीय रेल और कृषि मंत्री

नीतीश केंद्रीय रेल और कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। जेपी आंदोलन की उपज नीतीश कुमार पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।

Nitish Kumar | राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1977 में

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का छात्र जीवन ही राजनीति का अखाड़ा बना। यहीं से राजनीति की ओर झुकाव आज बिहार की अस्मिता उसकी पहचान के साथ खड़ा है। 1974 के जेपी आंदोलन में भी उनकी भूमिका और खुद को नवाढ़य बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की ताकत ही थी, आज बिहार समाजवाद के बुनियादी भावनाओं के भितरघात से बचा है। हालांकि, उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1977 में हुई, जब उन्होंने जनता पार्टी की टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा।

Nitish Kumar | हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। नीतीश कुमार पहली बार साल 1985 में विधानसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। यह पहली और आखिरी बार था, जब नीतीश कुमार विधानसभा के सदस्य बने। उसके बाद से आज तक वो बिहार विधानसभा के सदस्य नहीं बने हैं।

Nitish Kumar | 1970 के दशक के मध्य में जब उन्होंने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ

राजनीति में प्रवेश करने से पहले नीतीश ने इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के लिए काम किया। 1970 के दशक के मध्य में जब उन्होंने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ जयप्रकाश नारायण के जन अभियान में भी भाग लिया था। मिशन 2024 के लिए नीतीश फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं।


Nitish Kumar | और अब, PM Narendra Modi की ट्वीट्र

देभर से उन्‍हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी उन्हें ट्वीट कर जन्मदिन की बधाई दी। उनकी लंबी उम्र की कामना की। पीएम मोदी ने लिखा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। मैं उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं’।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें