Darbhanga News| देखें, VIDEO| लहेरियासराय टावर की लखटकिया घड़ी….धड़कन बंद, देखें, VIDEO| कहते हैं,अगर चलते-चलते घड़ी बंद हो जाए तो एक-दो बार सामान्य सी बाते हैं, लेकिन (The clock of Laheriyasarai tower of Darbhanga has stopped) लगातार ऐसा ही हो। नई घड़ी भी बंद होने लगे तो समझ लीजिए आपका बुध खराब चल रहा है। बनते हुए काम भी बिगड़ सकते हैं। यह हम नहीं कहते,Vastu Dosh कहता है। ऐसें में माना जाए, लहेरियासराय टावर का वास्तु दोष बिगड़ा हुआ है। कारण यहां, पिछले छह माह से टावर पर लगी घड़ी बंद है।
Darbhanga News| लहेरियासराय टावर पर लगी चारों घड़ी की धड़कन टिक-टिक बंद है।
जानकारी के अनुसार,लहेरियासराय टावर पर लगी चारों घड़ी की धड़कन बंद हो गई है। वह टिक-टिक नहीं कर रही। अर्से हो गए। इसे को देख नहीं रहा। स्थानीय दुकानदारों में इससे काफी रोष है।
इनका कहना है, जो घड़ी लगी है वह छह महीनें से अधिक समय से चल नहीं रही। चारों घड़ी खराब पड़ी हुई है। एक घड़ी में बारह बजने में पांच मिनट की देर है…दूसरे में छह बजने में देर है, तीसरे सात बजने में ही टांय बोल चुका है। चौथे की हालत और भी पतली है। बारह बजकर पचीस मिनट हुए हैं…।
Darbhanga News| इस घड़ी को लगाने में कितनी की राशि आती है…यह फाइल जानें
अब इस घड़ी को लगाने में कितनी की राशि आती है। यह सरकार, सरकारी अधिकारी और उनकी फाइल या इसकी व्यवस्था करने वाले जानें। मगर, अगर स्थानीय दुकानदारों की मानें तो यह घड़ी लाखों की है। प्रत्येक घड़ी अपने आप में लाख टके की है। ऐसे में, इसकी देखरेख की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
Darbhanga News| यह हो पहल, दरभंगा टावर की सूरत बदरंग नहीं रंग में दिखे
लहेरियासराय टावर की सूरत पर पेड़ उग आएं हैं। पीपल के पेड़ उगे टावर पर दिखते हैं। वहीं, रात को टावर पर लगी लाइट भी नहीं जलती। दुकानदार कहते हैं, यह भी खराब पड़ी है। पूरा प्रशासनिक अमला लहेरियासराय में ही बसता है। हां, नगर निगम जरूर दरभंगा के इलाके में है। मगर, नजर किसी भी नहीं पड़ रही। ऐसे में, पहल यह भी हो, वहां के स्थानीय व्यवसायियों से बात की जाए, उन्हें यह जवाबदेही दी जाए। वह टावर की देखरेख करें। काश? यह पहल हो पाए। दरभंगा टावर की सूरत बदरंग नहीं रंग में दिखे।
Darbhanga News| कहती हैं मेयर अंजुम आरा, घड़ी ना रूके
इस संबंध में मेयर अंजुम आरा ने बताया, टावर की घड़ी जरूर चलती रहनी चाहिए। लेकिन, यह हमारा काम नहीं है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी हैं। उनकी जवाबदेही बनती है।