Darbhanga News| कुशेश्वरस्थान की कोसी-कमला बलान उछली, 4 पंचायत बने टापू, 75 हजार आबादी बाढ़ में फंसी, 12 स्कूलों में पानी, सड़कों पर पानी, नाव की सवारी। जहां, कुशेश्वरस्थान में बाढ़ (Flood water spread in Kusheshwarsthan of Darbhanga) की हालत खराब है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से कमला बलान पश्चिमी तटबंध से पूरब बसे प्रखंड चार पंचायतों के लगभग 70-75 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 12 विद्यालय बाढ़ से प्रभावित है। इससे इन विद्यालयों में पठन पाठन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।
हालांकि, कमला बलान नदी का जलस्तर में कमी आई है। शनिवार की दोपहर बाद से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। इससे लोग फिर सकते में आ गए हैं। कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध से पूरब बसे इटहर, उसड़ी, उजुआ सिमरटोका तथा तिलकेश्वर पंचायत के अलावा भिंडुआ पंचायत के गोबराही एवं सुघराईन पंचायत के भरैन मुसहरी दोनों नदियों के पानी से पूरी तरह घिरे हुए हैं।
कहीं कोसी तो कहीं कमला बलान नदी के बाढ़ से गांव के गांव टापू बना हुआ है। इसमें सबसे अधिक इटहर पंचायत बाढ़ से प्रभावित है। इस पंचायत के बरनिया को छोड़कर अन्य सभी गांव की सड़कें बाढ़ के पानी से डूबा हुआ है।
इसके अलावा कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा मुख्य मार्ग से जुड़े हुए गांव को छोड़कर उसरी, उजुआ सिमरटोका तथा तिलकेश्वर पंचायत के अन्य गांव के सड़क भी बाढ़ के पानी में डूबा है। इससे इन गांवों के लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने के लिए नाव एक मात्र सहारा है।
बाढ़ की वजह से इटहर पंचायत के मध्य विद्यालय इटहर, समौरा, प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीनिया, इटहर पोखर,चौकीया, बलथरवा,समौरा अजा, उसरी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय सगरदीना तथा कोला,उजुआ सिमरटोका पंचायत के प्राथमिक विद्यालय गैईजोरी, बुढ़िया सुकराती, झाझा अजा तथा कुंज भवन में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है या फिर विद्यालय तक पहुंच पथ अवरुद्ध हो गया है। जिससे विद्यालय का संचालन करना जोखिम भरा है।
इस संबंध में बीईओ राम भरोस चौधरी ने बताया कि विद्यालय को बंद करने की अनुशंसा विभाग को भेज दिया गया है। बाढ़ के पानी से खेतों में लगी धान की फसल के डूबने से किसानों में मायूसी छाई हुई है। खेत खलिहान बाढ़ के पानी में डुबने से पशुओं के लिए हरा चारा का घोर अभाव हो गया है।
सीओ गोपाल पासवान ने बताया कि नदी का उतार चढाव जारी है। अंचल प्रशासन का बाढ़ की स्थिति पर नजर बनी हुई है। विभिन्न जगहों पर 25 नावें चलाया जा रहा है। वहीं, बाढ़ के पानी में अब तक दो लोगो की मौत हो चुकी है।