बहेड़ा और सिमरी के दो पॉक्सो मामले में एक अभियुक्त को तीन साल की सजा सुनाई गई है। जहां,पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार का बड़ा फैसला सामने आया है। विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष का पक्ष रखा। साथ ही, अदालत ने पीड़िता को मुआवजा देने का भी प्रावधान किया।
मामला 1: सिमरी थाना क्षेत्र का छेड़खानी प्रकरण
दरभंगा न्याय मंडल के पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार ने सिमरी थाना क्षेत्र के कंसी निवासी सुनील सहनी को नाबालिग से छेड़खानी के जुर्म में सजा सुनाई है।
फैसला और सजा
- अपराध की धाराएं:
- भादवि की धारा 354: 3 वर्ष सश्रम कारावास और ₹5,000 का जुर्माना।
- धारा 452: 1 वर्ष सश्रम कारावास और ₹5,000 का जुर्माना।
- पॉक्सो एक्ट की धारा 8: 3 वर्ष सश्रम कारावास और ₹1,000 का जुर्माना।
- कुल जुर्माना: ₹11,000।
- मुआवजा: अदालत ने पीड़िता को ₹3 लाख का मुआवजा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से देने का आदेश दिया है।
मामला 2: बहेड़ा थाना क्षेत्र का आपराधिक प्रकरण
घटना विवरण:
- अभियुक्त: बहेड़ा थाना क्षेत्र के सझुआर निवासी आलोक झा।
- धारा:
- भादवि की धारा 452।
- पॉक्सो एक्ट की धारा 12।
अगला चरण:
इस मामले में अदालत ने अभियुक्त को दोषी ठहराया है, लेकिन सजा निर्धारण की सुनवाई और निर्णय के लिए 4 दिसंबर 2024 की तिथि निर्धारित की है।
अभियोजन पक्ष का पक्ष
विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष का पक्ष रखा और पीड़िता को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
विशेष न्यायाधीश का आदेश
न्यायाधीश ने कहा कि पॉक्सो एक्ट जैसे प्रावधान पीड़ितों को न्याय दिलाने और समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। ये सख्त सजा ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे। इन फैसलों से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति कानून का कड़ा रुख स्पष्ट होता है। मुआवजे का आदेश पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए एक सकारात्मक पहल है।