तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र उपचुनाव: वंशीधर ब्रजवासी ने बनाई मजबूत बढ़त
दीपक कुमार, मुजफ्फरपुर, 10 दिसंबर 2024: तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव की मतगणना दूसरे दिन भी जारी है। अब तक आए रुझानों में निर्दलीय उम्मीदवार और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने बड़ी बढ़त बना ली है। जनसुराज के डॉ. विनायक गौतम दूसरे स्थान पर हैं, जबकि आरजेडी के गोपी किशन तीसरे और जेडीयू के अभिषेक झा चौथे स्थान पर चल रहे हैं।
उपचुनाव का परिणाम अभी आना फाइनल शेष है:
इस उपचुनाव का परिणाम अभी आना फाइनल शेष है। लेकिन, अभी तक के रूझान ने साबित कर दिया है कि वंशी की वंशी बजेगी ही। निर्दलीय वंशीधर ब्रजवासी की वंशी बजकर रहेगी। कारण कल शाम से ही वंशी की बढ़त आज तक कायम है। वहीं @सोच में पड़ा JDU-RJD, जनुसराज की जय है।
जनसुराज अभी बिहार में नया है।
जनसुराज की जय इस वजह से, जनसुराज के कार्यकर्ताओं पर पैसे बांटने के आरोप लगे। वहीं, जनसुराज अभी बिहार में नया है। जदयू के तीसरे से भी फिसलकर फिलहाल चौथे व राजद के तीसरे नंबर की यह फेहरिस्त फिलहाल बेचैन करने वाला है। चिंता स्वभाविक है। आत्मचिंतन भी।
नौवें चक्र की मतगणना के बाद स्थिति:
प्रत्याशी का नाम | प्राप्त मत |
---|---|
वंशीधर ब्रजवासी | 23,003 |
डॉ. विनायक गौतम | 12,467 |
गोपी किशन | 11,600 |
अभिषेक झा | 10,316 |
राकेश रौशन | 3,920 |
संजय कुमार | 4,932 |
अरविंद कुमार विभात | 299 |
अरुण कुमार जैन | 81 |
ऋषि कुमार अग्रवाल | 99 |
एहतेशामुल हसन रहमानी | 511 |
प्रणय कुमार | 198 |
भूषण महतो | 42 |
मनोज कुमार वत्स | 422 |
राजेश कुमार रौशन | 174 |
रिंकु कुमारी | 487 |
संजना भारती | 58 |
संजीव भूषण | 321 |
संजीव कुमार | 113 |
कुल वैध मत: 69,043
अमान्य मत: 6,843
कुल मतदाता: 75,886
वंशीधर ब्रजवासी की बढ़त का कारण
- स्वतंत्र छवि: वंशीधर ब्रजवासी शिक्षक नेता के तौर पर लंबे समय से सक्रिय हैं और स्नातक मतदाताओं के बीच उनकी छवि मजबूत है।
- बड़ी पार्टियों से नाराजगी: मुख्यधारा की पार्टियों जेडीयू, आरजेडी और भाजपा से जनता का मोहभंग वंशीधर को समर्थन की वजह बना।
- शिक्षा क्षेत्र से जुड़ाव: शिक्षकों और छात्रों के मुद्दों पर वंशीधर की पकड़ ने स्नातक वर्ग में उनकी पैठ मजबूत की।
दूसरी वरीयता के मतों पर नजर
पहली वरीयता के मतों में वंशीधर ब्रजवासी ने 11,000 से अधिक मतों की बढ़त बना ली है। अब दूसरी वरीयता के मतों की गिनती हार-जीत का फैसला करेगी।
- यह प्रणाली उन उम्मीदवारों के मतों को पुनर्वितरित करती है जिन्हें कम प्राथमिकता मिली, जिससे छोटे अंतर से जीतने वाले उम्मीदवार को भी मौका मिल सकता है।
पृष्ठभूमि
- यह सीट जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थी।
- जेडीयू ने अभिषेक झा, आरजेडी ने गोपी किशन, और जनसुराज ने डॉ. विनायक गौतम को मैदान में उतारा।
- कुल 18 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी ने सभी प्रमुख दलों को पछाड़कर बढ़त बनाई।
अंतिम परिणाम का इंतजार
दूसरी वरीयता के मतों की गिनती के बाद हार-जीत का औपचारिक ऐलान होगा। अब तक की स्थिति में वंशीधर ब्रजवासी की जीत की संभावनाएं मजबूत नजर आ रही हैं।
यह उपचुनाव राज्य की राजनीति में निर्दलीय उम्मीदवारों की बढ़ती ताकत का संकेत है, जो बड़े दलों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।