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14 जनवरी, 2024
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मिथिला में…संरक्ष्यते धरोहरं, जीवते संस्कृति दर्शनम् | 350 करोड़, 10,000 Hectare Land, 80 गांव…

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दरभंगा | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान मिथिला की पुरानी नदियों को पुनर्जीवित करने का निर्णय चर्चा का विषय बन गया है। दरभंगा की पुरानी कमला नदी, जीवछ नदी, और कमलाधार नदी को फिर से जीवंत बनाने की घोषणा ने किसानों और स्थानीय लोगों में उम्मीद जगाई है। इस परियोजना से दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों के हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।

350 करोड़ की योजना का होगा क्रियान्वयन

इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने 350.20 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसका उद्देश्य है:

  • कमला बलान नदी की धारा को मोड़ना, ताकि अतिरिक्त पानी को सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके।
  • इन नदियों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, जिससे बाढ़ के पानी का सही उपयोग हो सके और सिंचाई की समस्या को हल किया जा सके।
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10,000 हेक्टेयर भूमि को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने मधुबनी के सुक्की गांव में इस परियोजना का निरीक्षण किया। अधिकारियों के अनुसार:

  • परियोजना से 10,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
  • यह योजना मखाना और अन्य जलीय उत्पादों की पैदावार में भी बढ़ोतरी करेगी।
  • बाढ़ से बचाव के साथ-साथ किसानों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी।

कोसी नहर विस्तारीकरण योजना का भी निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने एनएच-57 के पास कोसी नहर विस्तारीकरण परियोजना का भी निरीक्षण किया। इस योजना के तहत:

  • 569.18 करोड़ रुपये की लागत से 80 गांवों को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
  • 26,879 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सुनिश्चित होगी।
  • परियोजना से मधुबनी और दरभंगा जिलों के किसानों को सीधा लाभ होगा।
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1987 की बाढ़ के बाद टूटी नदियों की धार

दरभंगा की कमला बलान नदी 1987 की प्रलयंकारी बाढ़ के दौरान तटबंध टूटने से प्रभावित हुई थी। इसके बाद:

  • तटबंध की मरम्मत ने कमला और उसकी सहायक नदियों का पानी रोक दिया।
  • कमलाधार और जीवछ नदी जैसे जलस्रोत सूख गए, जिससे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, तटबंध निर्माण और इसके बाद हुई मरम्मत ने इन नदियों की धार को लगभग समाप्त कर दिया।
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स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल

इस परियोजना से दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों के किसानों और स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर है। दशकों से नदियों की धार को पुनर्जीवित करने की मांग कर रहे लोगों को अब सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।


निष्कर्ष

मिथिला की नदियों को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास न केवल क्षेत्र के कृषि क्षेत्र को सशक्त करेगा, बल्कि बाढ़ और सुखाड़ की समस्या का भी समाधान करेगा। इस पहल से नदियों का पुराना वैभव लौटाने और मिथिला क्षेत्र को पर्यावरणीय और आर्थिक विकास का नया आयाम देने की उम्मीद है।

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