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1 अप्रैल, 2024
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बिहार में जमीन की लूट! रजिस्टर-2 में फर्जीवाड़ा, जानिए कैसे जमाबंदी रजिस्टर रिकॉर्ड में हेरफेर कर कब्जाई जा रही जमीन?

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पटना। बिहार में जमीन की लूट! रजिस्टर-2 में फर्जीवाड़ा, जानिए कैसे जमाबंदी रजिस्टर रिकॉर्ड में हेरफेर कर कब्जाई जा रही जमीन?  बिहार में भूमि रिकॉर्ड से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। सरकार को शिकायतें मिली हैं कि (Manipulation of land records exposed in Bihar, government formed investigation committee) कई जिलों में जमाबंदी के रजिस्टर-2 में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं।

  • भूमि घोटाले की पोल खुली! सरकारी रजिस्टर में फर्जी एंट्री, कार्रवाई तेज

कई मामलों में दाखिल-खारिज प्रक्रिया को दरकिनार कर सीधे जमाबंदी कर दी गई है, जिससे भूमि विवाद बढ़ने का (Manipulation of land records exposed in Bihar) खतरा पैदा हो गया है। इस गंभीर मामले को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्यभर में जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।

🔹 गड़बड़ी कैसे की गई?

👉 बिना दाखिल-खारिज के जमाबंदी
कई जिलों से शिकायतें मिली हैं कि बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए ही जमाबंदी दर्ज कर दी गई। आमतौर पर जमीन का मालिकाना हक बदलने के लिए दाखिल-खारिज (mutation) जरूरी होता है, लेकिन इसमें घोर लापरवाही बरती गई।

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डबल एंट्री और दोबारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
कुछ मामलों में जमीन के पुराने रिकॉर्ड को ऑनलाइन सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया। इसे ‘छूटे हुए दस्तावेज’ बताकर दोबारा ऑनलाइन किया गया, जिससे जमीन की फर्जी जमाबंदी होने की आशंका है।

रजिस्टर-2 के पन्ने फाड़ने की घटनाएं
कई जिलों से रजिस्टर-2 के पन्ने गायब होने की भी शिकायतें मिली हैं। इससे भूमि मालिकों को अपनी जमीन का स्वामित्व प्रमाणित करने में परेशानी हो रही है

सरकार की कार्रवाई और जांच आदेश

सभी अंचलों को आदेश जारी – सरकार ने अंचल अधिकारियों (COs) को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में रजिस्टर-2 की गहन जांच करें और गड़बड़ियों की रिपोर्ट दें।

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हर 15 दिन में समीक्षा – सरकार ने हर पंद्रह दिन पर समीक्षा बैठक करने का फैसला लिया है। इसमें अपर समाहर्ता (Additional Collector), अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) और भूमि सुधार उप समाहर्ता (DSO) जांच करेंगे कि किस अंचल में कितनी गड़बड़ी हुई है और उसमें क्या सुधार किए गए।

दोषियों पर सख्त कार्रवाई
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन अधिकारियों या कर्मचारियों को गड़बड़ी में दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इनमें निलंबन, वेतन वृद्धि रोकना और यहां तक कि FIR दर्ज करने जैसे कदम भी शामिल होंगे

भविष्य में घोटाला रोकने के उपाय
सरकार अब रजिस्टर-2 को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने की योजना बना रही है ताकि फर्जी जमाबंदी की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके

जनता की परेशानी और सरकार की जवाबदेही

🔸 रैयतों (भूमि धारकों) को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, क्योंकि उनके नाम से जुड़ी जमीन का रिकॉर्ड गड़बड़ाया हुआ है।
🔸 पुराने रिकॉर्ड्स को फाड़कर या छुपाकर जमीनों का गलत स्वामित्व दर्ज किया गया, जिससे आम लोगों को कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है
🔸 सरकार का दावा है कि इस जांच के बाद जमीन विवादों में कमी आएगी और भूमि रिकॉर्ड पारदर्शी होंगे

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निष्कर्ष : बिहार सरकार ने जांच कमेटी गठित की

बिहार में भूमि घोटालों की समस्या नई नहीं है, लेकिन इस बार रजिस्टर-2 में की गई गड़बड़ियों ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। सरकार ने अब सख्त जांच और दोषियों को दंडित करने का आदेश दिया है। अगर जांच सही तरीके से हुई, तो भविष्य में भूमि रिकॉर्ड को अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सकता है

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