बिहार चुनाव 2025 में अभी करीब पांच से छह माह की देर है। लेकिन, लगातार सर्वे जारी हैं। ताजा सर्वे में NDA को बढ़त दिखाई जा रही है लेकिन RJD सबसे पसंदीदा पार्टी बनकर उभरा है। बिहार सर्वे में BJP+JDU+LJP को 46% वोट, RJD को अकेले 28% समर्थन मिलता दिख रहा है।
छह महीने पहले ही गरमाया बिहार का सियासी माहौल
बिहार विधानसभा चुनाव भले ही छह महीने दूर हों, लेकिन राजनीतिक हलचल अभी से तेज हो गई है। रुद्रा रिसर्च एंड एनालिटिक्स द्वारा हाल ही में जारी एक सर्वे ने सियासी दलों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
सर्वे में NDA को बढ़त, RJD सबसे लोकप्रिय पार्टी
सर्वे के मुताबिक: BJP+JDU+LJP को 46% वोट, RJD को अकेले 28% समर्थन। JDU को 16%,BJP को 25%, LJP को 5% समर्थन –यानी कुल मिलाकर NDA को लगभग 46% वोट शेयर। वहीं महागठबंधन (Grand Alliance) की ओर से RJD को 28%, कांग्रेस को 7%,अन्य सहयोगियों को मिलाकर कुल 35% समर्थन।➡ RJD भले ही सबसे पसंदीदा पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन गठबंधन स्तर पर NDA को बढ़त मिलती दिख रही है।
LJP की वापसी और मोदी फैक्टर बना NDA की मजबूती का आधार
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बढ़त के पीछे तीन मुख्य कारण हैं: चिराग पासवान की LJP का NDA में वापसी। PM नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता। राज्य और केंद्र दोनों में NDA की सरकार होने का असर।
क्या बिहार चुनाव 2025 फिर NDA के नाम होगा?
सर्वे ट्रेंड NDA की बढ़त की ओर इशारा कर रहे हैं। लेकिन RJD का व्यक्तिगत रूप से सबसे लोकप्रिय पार्टी बनना महागठबंधन को मजबूती भी दे सकता है। रणनीतिक मोर्चे पर पीयूष गोयल की एंट्री से चुनाव और दिलचस्प हो सकता है।
पीयूष गोयल की एंट्री से रणनीतिक माहौल गर्म
इधर, देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार पीयूष गोयल ने बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर सर्वे और डाटा कलेक्शन की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया: बिहार में असली आंकड़े किसी के पास नहीं हैं। सब हवा-हवाई बातों पर आधारित हैं। 100 लोगों की टीम मैदान में उतारी गई है जो विधानसभा स्तर पर डाटा एकत्र कर रही है। वोटर लिस्ट और राशन कार्ड डाटा में भारी अनियमितताएं हैं, जिन पर सुधार की जरूरत है।
बिहार के विकास को लेकर पीयूष गोयल की टिप्पणी
“20 साल पहले के बिहार और आज के बिहार में जमीन-आसमान का फर्क है।
लेकिन प्राकृतिक संसाधनों के हिसाब से बिहार को और आगे होना चाहिए।”
पीयूष गोयल इससे पहले कर्नाटक, तेलंगाना, यूपी, महाराष्ट्र, झारखंड, और दिल्ली चुनाव में भी चुनावी रणनीतिकार के रूप में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। रणनीतिकार पीयूष गोयल का दावा: बिहार में कोई भी वास्तविक डाटा नहीं रखता। 243 विधानसभा सीटों पर 100 सदस्यों की टीम द्वारा सर्वे शुरू। Voter List और Ration Card में बड़ी अनियमितताएं।