
जुनून, जुड़ाव, और स्थानीय गर्व यही है दरभंगा में मोहर्रम की पहली रस्म पूरी! मिट्टी लाने का जुलूस निकला पूरे जोश के साथ। “या हुसैन या हुसैन” की गूंज से गूंजा दरभंगा, मोहर्रम की रस्म में शामिल हुए 15 अखाड़े। दरभंगा में निकला भव्य मोहर्रम जुलूस!@दरभंगा, देशज टाइम्स।
मोहर्रम की पहली तारीख पर दरभंगा में मिट्टी लाने की रस्म पूरी, 15 अखाड़ों ने लिया भाग
मिट्टी लाने की परंपरा निभाई गई पूरी श्रद्धा से।मोहर्रम की पहली तारीख पर दरभंगा में अखाड़ों का हुजूम, मिट्टी लाने की रस्म हुई पूरी। अध्यक्ष आकिब नजर ने दी मुबारकबाद। भीखा शाह मजार तक पहुंचा मोहर्रम जुलूस, मिट्टी लेकर लौटे इमामबाड़ा – देखिए तस्वीर।
भीखा शाह सैलानी मजार पर दिखा अलग ही उत्साह
दरभंगा, देशज टाइम्स। मोहर्रम माह की पहली तारीख पर शुक्रवार को दरभंगा जिला मोहर्रम कमेटी की ओर से मिट्टी लाने की पारंपरिक रस्म को पूरे जोश और धार्मिक श्रद्धा के साथ निभाया गया। किलाघाट स्थित कमेटी कार्यालय से यह ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ भीखा शाह सैलानी मजार तक पहुंचा।
मिट्टी लाने की रस्म के दौरान निकला अखाड़ा जुलूस
जिला मोहर्रम कमेटी अध्यक्ष आकिब नजर और महासचिव मो. कलीमुद्दीन उर्फ रुस्तम कुरैशी के नेतृत्व में यह जुलूस निकाला गया। इस दौरान बड़ी संख्या में अखाड़ीयों और खिलाड़ी “या हुसैन या हुसैन” की सदाओं के साथ शामिल हुए।
ये पदाधिकारी रहे विशेष रूप से मौजूद:
कोषाध्यक्ष: मो. महमूद आलम, उपाध्यक्ष: मो. हुसैन, संयुक्त सचिव: शाहिद अतहर, मो. अकरम कुरैशी, अन्य प्रमुख सदस्य: मो. आफताब हुसैन, खलिखूज्जमा उर्फ पप्पू सरदार, आस मोहम्मद, मो. उमर, मो. तालिब, नासिर हुसैन शामिल थे।
जुलूस का मार्ग और समापन:
किलाघाट से होते हुए नगर थाना मसरफ बाजार होते हुए दरभंगा टावर चौक, भगत सिंह चौक लालबाग़, पूनम सिनेमा रोड मिर्जापुर चौक होते हुए खानकाह चौक होते हुए नाका 5 कोतवाली थाना से आजाद चौक होते हुए भटियारीसराय स्थित भीखा शाह सैलानी मजार परिसर पहुंचकर मिट्टी लेकर पुनः नाका 5 कोतवाली थाना से मिलान चौक होते हुए किलाघाट पहुंचकर समापन हुआ।
जिला अध्यक्ष और महासचिव ने कहा, आभारी हूं
अध्यक्ष आकिब नजर ने सभी खिलाड़ियों और अखाड़ों को मोहर्रम की मुबारकबाद देते हुए कहा:
“आप सभी ने इस रस्म को सफल बनाने में योगदान दिया, इसके लिए मैं आभार प्रकट करता हूं।”
महासचिव मो. कलीमुद्दीन उर्फ रुस्तम कुरैशी ने कहा:
“हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पहली मोहर्रम को मिट्टी लाने की रस्म पूरी की गई, जिसमें लगभग 15 अखाड़ों ने भाग लिया। मिट्टी लाकर इमामबाड़े में फातिहा किया गया।”