पटना, देशज टाइम्स। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज बिहार सरकार की महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक संपन्न हुई, जिसमें 43 प्रस्तावों पर सहमति दी गई। इनमें दो बड़े निर्णय राज्य के महिलाओं और युवाओं से जुड़े हैं, जिनका व्यापक असर आगामी विधानसभा चुनावों पर भी देखा जा सकता है।
Bullet Points: बैठक में 43 प्रस्तावों को मंजूरी
बिहार कैबिनेट की बैठक में 43 प्रस्तावों को मंजूरी। महिलाओं को 35% आरक्षण अब सिर्फ बिहार की मूल निवासी को। ‘बिहार युवा आयोग’ का गठन – युवाओं के रोजगार, प्रशिक्षण और सशक्तिकरण के लिए। आयोग में 1 अध्यक्ष, 2 उपाध्यक्ष, 7 सदस्य। 45 वर्ष से कम उम्र के युवा ही सदस्य बन सकेंगे। शराब व नशाखोरी रोकथाम, बेरोजगारी पर नीति निर्माण आयोग की जिम्मेदारी। विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी नीति पहल मानी जा रही है।
अब सिर्फ बिहार की महिलाओं को मिलेगा सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण
सरकार ने स्पष्ट किया कि अब केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।राज्य के बाहर की महिलाएं इस आरक्षण के दायरे में नहीं आएंगी, भले ही वे बिहार में आवेदन दें। यह फैसला लंबे समय से उठती उस मांग के बाद आया है जिसमें कहा जा रहा था कि बाहरी राज्यों के आवेदकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
महत्वपूर्ण निर्णय:
“सभी सरकारी सेवाओं में सीधी नियुक्ति के लिए केवल बिहार की महिलाओं को ही 35% आरक्षण का लाभ मिलेगा।”
बिहार में होगा युवा आयोग का गठन, युवाओं को मिलेगा रोजगार और सुरक्षा
नीतीश कैबिनेट ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ‘बिहार युवा आयोग’ (Bihar Yuva Aayog) के गठन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“बिहार के युवाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और सशक्तिकरण देने के उद्देश्य से बिहार युवा आयोग का गठन किया जा रहा है।”
युवा आयोग की संरचना और उद्देश्य
आयोग में होंगे: 1 अध्यक्ष, 2 उपाध्यक्ष, और 7 सदस्य। अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई हैआयोग का मुख्य उद्देश्य: राज्य के युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराना। निजी क्षेत्रों में बिहार के युवाओं को प्राथमिकता दिलाना। राज्य के बाहर अध्ययन या कार्यरत युवाओं के हितों की रक्षा करना। नशाखोरी और सामाजिक बुराइयों पर रोकथाम के लिए कार्यक्रम बनाना। यह आयोग राज्य सरकार को युवाओं से संबंधित मामलों में नीति सलाहकार के रूप में सहयोग करेगा।
चुनाव से पहले युवाओं और महिलाओं पर दांव
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह दोनों निर्णय आने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजनीतिक रूप से अहम रणनीति मानी जा रही है। महिलाओं के लिए आरक्षण सीमित कर स्थानीय आबादी को प्राथमिकता दी गई। युवा आयोग का गठन कर भविष्य की रोजगार और विकास नीति को आधार बनाया गया।
नीतीश कुमार ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा:
“बिहार के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर, प्रशिक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से युवा आयोग का गठन किया गया है। यह आयोग सरकार को सभी स्तरों पर मार्गदर्शन देगा।”
महिलाओं को मिलेगा राज्य स्तरीय लाभ
यह निर्णय खासकर बिहार की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में स्थायी लाभ देने के लिए लिया गया है। अब यह सुनिश्चित किया गया है कि राज्य की स्थानीय महिला अभ्यर्थियों को ही 35% आरक्षण मिलेगा, जिससे बाहरी राज्यों की प्रतियोगिता घटेगी।