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27 जुलाई, 2024
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The Room of Return: अधूरे प्रेम की चुप्पी को शब्द देती Author Nikhil Asha की पहली किताब

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प्रभास रंजन, दरभंगा। साहित्य के भावुक संसार में एक नई आवाज़ ने दस्तक दी है। लेखक निखिल आशा का प्रथम उपन्यासThe Room of Return” अब आधिकारिक रूप से Amazon Kindle और Paperback संस्करण में प्रकाशित हो गया है। दरभंगा में आयोजित एक गरिमामय लोकार्पण समारोह में इस पुस्तक का विमोचन किया गया।

प्रेम, मौन और प्रतीक्षा की अंतर्यात्रा

यह केवल एक प्रेम कहानी नहीं है — यह उन अधूरे रिश्तों की मौन यात्रा है जो समाज की स्वीकृति नहीं पाते, फिर भी आत्मा में स्थायी रूप से जीवित रहते हैं। यह उपन्यास उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने किसी को भीतर तक चाहा, लेकिन बोल नहीं सके, और अंततः चुपचाप विदा कर दिया।

लेखक निखिल आशा स्वयं इस भावनात्मक यात्रा को इन शब्दों में व्यक्त करते हैं:

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यह किताब मैंने नहीं लिखी — यह किताब खुद मेरे भीतर घटी है। यह प्रेम, मौन, और पुनरागमन की कहानी है। और हर उस व्यक्ति के लिए है, जिसने कभी किसी को भीतर तक चाहा… और फिर भी चुपचाप विदा दे दी।

कहानी की आत्मा: Aarav और Meera

The Room of Return | Author : Nikhil Asha @Deshaj Times
The Room of Return | Author : Nikhil Asha @Deshaj Times

“The Room of Return” की कथा Aarav और Meera नामक पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह उन अदृश्य डोरियों की कहानी है जो न उम्र देखती हैं, न समय, न समाज की सीमाएं। यह एक ऐसी दुनिया में प्रवेश कराती है, जहाँ केवल आत्मा बोलती है और शब्द मौन हो जाते हैं

महादेव से प्रेरित है प्रेम की यह अवधारणा

लेखक की मानें तो यह उपन्यास केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि आध्यात्मिक यात्रा भी है। इसकी प्रेरणा भगवान शिव की तपस्या और शांति से आई है। जैसा कि लेखक कहते हैं:

यह प्रेम अधिकार नहीं, समर्पण है — शिव की तरह मौन और स्थिर।

पुस्तक की विशेषताएँ:

  • संवेदनशील लेखन शैली, जो आत्मा को छू जाती है

  • प्रेम और आत्मबोध का अद्भुत संगम

  • मौन संवाद, जो पाठकों को भीतर तक ले जाता है

  • आधुनिक समाज की भावनात्मक जटिलताओं पर एक गंभीर दृष्टिकोण

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पुस्तक कहाँ उपलब्ध है?

यह पुस्तक Amazon पर ग्लोबल रीडरशिप के लिए प्रकाशित की गई है।

लेखक परिचय: निखिल आशा

निखिल आशा एक शिक्षक, साहित्यप्रेमी, और आध्यात्मिक साधक हैं। उनका लेखन केवल रचना नहीं, बल्कि अनुभवों की परिपक्वता है। “The Room of Return” उनकी पहली प्रकाशित पुस्तक है, लेकिन इसमें वह गहराई और निखार है जो वर्षों की साधना के बाद ही संभव होती है।

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उनकी लेखनी में शिव-दर्शन की छाया है और हर शब्द में धैर्य, शांति और भक्ति का भाव है।

सम्पर्क:

निष्कर्ष: हर व्यक्ति कहीं न कहीं अपने जीवन की छाया देखेगा

“The Room of Return” एक ऐसी पुस्तक है जो आज के यथार्थवादी समाज में अधूरे प्रेम, मौन समर्पण और भीतरी उथल-पुथल को पहचान दिलाती है। यह सिर्फ उपन्यास नहीं, एक भावनात्मक अनुभव है जिसे पढ़कर हर व्यक्ति कहीं न कहीं अपने जीवन की छाया देखेगा।

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