
जाले में वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण, मृतकों और फर्जी नामों पर गिरी गाज! मतदाता सूची की बड़ी सफाई! आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं? जाले में शुरू हुई सख्त जांच। नए वोटरों के लिए खुशखबरी! प्रमाणपत्र दिखाते ही होगा नामांकन। जाले (दरभंगा), देशज टाइम्स।
–जाले में सभी दलों की बैठक – वोटर लिस्ट पर बनी सहमति
बीएलओ ने घर-घर जाकर किया सत्यापन, अब नहीं बच पाएंगे फर्जी वोटर। मृतक और दोहरी एंट्री वाले नाम हटाए गए –जाले में सभी दलों की बैठक – वोटर लिस्ट से जुड़े बड़े फैसले पर बनी सहमति। वोटर लिस्ट से नाम कटने- जुड़ने की प्रक्रिया पूरी, अब मिलेगी अंतिम सूची –जानिए पूरा अपडेट@जाले (दरभंगा), देशज टाइम्स।
वोटर सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक, डीडीसी स्वप्निल ने दी अहम जानकारी, जानिए क्या बताया
जाले (दरभंगा), देशज टाइम्स। जाले प्रखंड स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी भवन के बीडीओ कक्ष में गुरुवार को मतदाता सूची (Voter List) के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता दरभंगा के डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर (DDC) सह विधानसभा के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) स्वप्निल ने की।
बैठक में मान्यता प्राप्त सभी राजनैतिक दलों के प्रखंड अध्यक्ष एवं सचिव उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, सटीक और पारदर्शी बनाना था।
बीएलओ की भूमिका और मतदाता सूची का सत्यापन
बैठक में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। डीडीसी स्वप्निल ने बताया कि दावा-आपत्ति की प्रक्रिया (Claim & Objection Process) पूरी हो चुकी है। इस दौरान सभी मृत मतदाताओं का घर-घर जाकर सत्यापन किया गया। यदि मृत मतदाता के परिजन ने जानकारी दी, तो उनका नाम सूची से हटा दिया गया। वहीं, यदि कोई मृत मतदाता जीवित पाया गया, तो उसका नाम पुनः सूची में जोड़ा गया। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के दिशा-निर्देशों के तहत यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से संपन्न की गई।
दोहरी प्रविष्टियों की समस्या का समाधान
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कई बार एक ही व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर दर्ज हो जाता है। इस स्थिति को “दोहरी प्रविष्टि (Duplicate Entry)” कहा जाता है। डीडीसी ने बताया कि ऐसे मामलों की विस्तृत जांच की गई।
संबंधित मतदाता की सहमति से एक ही मतदान केंद्र पर उसका नाम रखा गया और अन्य जगह से हटा दिया गया। यह कदम मतदान प्रक्रिया की शुचिता (Purity of Electoral Roll) सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
नए मतदाताओं के नाम जोड़े जा रहे
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि नए मतदाताओं (New Voters) के नाम अब जोड़े जा रहे हैं। इसके लिए बीएलओ द्वारा प्रमाणपत्र (जैसे जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र) लेकर नाम दर्ज किए जा रहे हैं।
इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज हो। मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Card) हर नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है और इसे सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की सहभागिता
बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया और अपने सुझाव दिए। इनमें शामिल थे। इसमें, एईआरओ सह प्रभारी बीडीओ मनोज कुमार, बीपीआरओ रूपेश कुमार, बीस सूत्री अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार, जदयू (JDU) के वली इमाम बेग, अतहर इमाम बेग, भाकपा माले (CPI-ML) के ललन पासवान, राजद (RJD) के नीलम पासवान, भाजपा (BJP) के राम इकबाल मांझी, वीणा मिश्रा, भोला राय, लोजपा (LJP) के लक्ष्मण प्रसाद सिंह, अनिल कुमार शामिल थे। सभी नेताओं ने प्रशासनिक प्रयासों की सराहना की और मतदाता सूची की शुद्धता बनाए रखने के लिए अपने-अपने विचार रखे।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए सटीक मतदाता सूची आवश्यक
बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूची का सटीक और अद्यतन होना लोकतंत्र की मजबूती की पहली शर्त है। एक सही और पारदर्शी मतदाता सूची ही यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो।
गलत नामांकन, मृत मतदाताओं के नाम बने रहना, या दोहरी प्रविष्टि जैसी समस्याएँ चुनाव की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा सकती हैं। इसलिए प्रशासन और राजनीतिक दलों की साझा जिम्मेदारी है कि मतदाता सूची को हमेशा अद्यतन और त्रुटिरहित रखा जाए। भारत का लोकतंत्र (Democracy in India) विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है और इसमें मतदाता सूची की शुद्धता का अत्यधिक महत्व है।
डीडीसी स्वप्निल के नेतृत्व में हुई इस समीक्षा बैठक से
इस बैठक ने एक बार फिर यह साबित किया कि प्रशासन और राजनीतिक दल मिलकर लोकतांत्रिक व्यवस्था की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डीडीसी स्वप्निल के नेतृत्व में हुई इस समीक्षा बैठक से मतदाता सूची की गुणवत्ता और पारदर्शिता में निश्चित ही सुधार होगा। आने वाले समय में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक पात्र नागरिक को मतदान का अधिकार मिल सके और कोई भी वंचित न रह जाए।