
तकनीकी कमाल + धार्मिक आस्था = बिहार का पहला लक्ष्मण झूला! पटना में बिहार का पहला लक्ष्मण झूला हुआ तैयार! सीएम नीतीश ने 83 करोड़ की परियोजना जनता को सौंपी। छह साल बाद साकार हुआ सपना – बिहार को मिला पहला लक्ष्मण झूला, जानें खासियतें। पितृपक्ष मेले से पहले जनता को तोहफा – सीएम नीतीश ने किया 83 करोड़ का लक्ष्मण झूला उद्घाटन।लोगों की बरसों पुरानी मांग पूरी – पटना में खुला लक्ष्मण झूला, मेले में श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत@पटना,देशज टाइम्स।
Highlights) 83 करोड़ का आधुनिक सस्पेंशन ब्रिज
बिहार का पहला लक्ष्मण झूला अब पटना में। 83 करोड़ रुपये की लागत से बना आधुनिक सस्पेंशन ब्रिज। पितृपक्ष मेले में श्रद्धालुओं को मिलेगी बड़ी राहत। 6 साल की मेहनत के बाद पुल का निर्माण पूरा। सीएम नीतीश ने जनता को किया समर्पित।
पटना को मिला बिहार का पहला लक्ष्मण झूला, CM नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन
पटना, देशज टाइम्स। पटना अब ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान के साथ आधुनिकता का भी प्रतीक बन गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पुनपुन नदी पर बने राज्य के पहले लक्ष्मण झूला (Suspension Bridge) का उद्घाटन किया और इसे जनता को समर्पित किया। 83 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल से श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
छह साल में पूरा हुआ सपना
मार्च 2019 में मुख्यमंत्री ने इस पुल का शिलान्यास किया था। उस समय लागत का अनुमान 46.77 करोड़ रुपये था। निर्माण सामग्री की महंगाई और समय की वजह से लागत बढ़कर 82.99 करोड़ रुपये हो गई। करीब छह वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पुल अब पूरी तरह तैयार हुआ।
तकनीकी विशेषताएं
कुल लंबाई: 320-325 मीटर, चौड़ाई: 11.5 मीटर, 18 मजबूत केबल्स से सुरक्षा व मजबूती, सस्पेंशन डेक: 120 मीटर, वाया डक्ट: 200 मीटर, संपर्क पथ: 135 मीटर, दोनों ओर 115 मीटर लंबे पहुंच मार्ग, पायलॉन ऊंचाई: लगभग 100 फीट (30.48 मीटर)
धार्मिक दृष्टि से महत्व
पुनपुन नदी किनारे हर साल पितृपक्ष मेला आयोजित होता है। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु यहां पितृ तर्पण के लिए आते हैं। इस पुल के शुरू होने से श्रद्धालुओं की आवाजाही आसान होगी। यातायात जाम की समस्या में भी कमी आएगी।
सीएम बोले-यह पुल सिर्फ ढांचागत परियोजना नहीं
उद्घाटन समारोह में सीएम नीतीश कुमार ने कहा—
यह पुल सिर्फ ढांचागत परियोजना नहीं है, बल्कि जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक है। राज्य में धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में सरकार और भी आधारभूत संरचना प्रोजेक्ट्स पर काम करेगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पुल खुलते ही स्थानीय लोगों में उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने कहा कि अब नदी पार करने में समय और ऊर्जा की बचत होगी। मेला अवधि में भीड़ प्रबंधन आसान होगा। यह पुल तकनीकी, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।