Aaj Ka Panchang 30 December 2025: प्रतिदिन का पंचांग हमें ब्रह्मांड की सूक्ष्म गतियों से अवगत कराता है, जिससे हम अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन स्थापित कर सकें। यह केवल तिथि, वार या नक्षत्र की जानकारी ही नहीं देता, बल्कि हमें शुभ और अशुभ समय का ज्ञान देकर सही निर्णय लेने में भी सहायता करता है।
आज का पंचांग 30 दिसंबर 2025: शुभ-अशुभ काल और ग्रहों की स्थिति का दिव्य रहस्य
यह दिव्य ग्रंथ हमें ग्रहों के गोचर, विभिन्न योगों और करणों की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिससे हम अपने प्रत्येक कार्य को सही मुहूर्त में प्रारंभ कर सकें और अनिष्ट प्रभावों से बच सकें। सनातन धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है, क्योंकि यह जीवन के हर पहलू को ज्योतिषीय दृष्टि से देखने का एक मार्ग है। आज, 30 दिसंबर 2025 को पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो अत्यंत पवित्र और फलदायी मानी जाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना का विशेष विधान है, और एकादशी व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पंचांग के माध्यम से हम दिन के शुभ-अशुभ चौघड़िया, राहुकाल और दिशाशूल जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों को समझ सकते हैं, जो किसी भी यात्रा या नए कार्य की शुरुआत से पहले आवश्यक होती हैं। प्रत्येक दिन का अपना एक विशेष नक्षत्र होता है, जो उस दिन की ऊर्जा और प्रकृति को निर्धारित करता है। यह नक्षत्र ही हमारी मनोदशा और कार्यों पर गहरा प्रभाव डालता है।
आइए, आज के पंचांग की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें और जानें कि कैसे आप इस दिव्य ज्ञान का उपयोग अपने जीवन को सफल बनाने में कर सकते हैं।
आज का पंचांग 30 दिसंबर 2025: दैनिक जीवन में इसका महत्व
पंचांग हमें न केवल खगोलीय घटनाओं से परिचित कराता है, बल्कि यह हमारे व्यक्तिगत जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जानकर कि कौन सा समय किस कार्य के लिए अनुकूल है, हम अपने प्रयासों को सही दिशा दे सकते हैं और बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
**आज की तिथि और दिन:**
* **तिथि:** पौष शुक्ल पक्ष एकादशी। यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक कार्यों और व्रत-उपवास के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
* **दिन:** मंगलवार, 30 दिसंबर 2025। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और देवी दुर्गा को समर्पित होता है।
**अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय गणनाएँ:**
पंचांग के अनुसार, आज का नक्षत्र [जैसे, आज का नक्षत्र ‘भरणी’ है, जो कला और सौंदर्य से जुड़ा है] रहेगा। वहीं, योग [जैसे, आज ‘सिद्ध योग’ है, जो कार्यों में सफलता दिलाता है] और करण [जैसे, ‘वणिज करण’ है, जो व्यापारिक गतिविधियों के लिए अनुकूल है] भी अपने विशिष्ट प्रभावों के साथ उपस्थित रहेंगे। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय [शहर के अनुसार भिन्न हो सकता है, लेकिन लगभग सुबह 07:00 बजे और शाम 05:30 बजे के आसपास रहेगा] भी पंचांग में विस्तार से वर्णित होता है। चंद्रोदय और चंद्रास्त के समय भी महत्वपूर्ण होते हैं, खासकर चंद्रमा से संबंधित कार्यों के लिए।
**शुभ और अशुभ मुहूर्त:**
प्रत्येक दिन कुछ विशेष मुहूर्त होते हैं जो किसी कार्य को शुरू करने के लिए शुभ या अशुभ माने जाते हैं।
* **अभिजीत मुहूर्त:** यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त होता है, जिसमें किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। [सामान्यतः दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक]।
* **अमृत काल:** इसे भी अत्यंत शुभ माना जाता है, खासकर धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए।
* **राहुकाल:** यह समय किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है। [यह लगभग दोपहर 03:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक रह सकता है]। राहुकाल में नए कार्य, यात्रा या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए।
* **गुलिक काल और यमगंड काल:** ये भी अशुभ मुहूर्त होते हैं जिनसे बचना चाहिए।
**दिशाशूल:**
* आज मंगलवार है, इसलिए दिशाशूल उत्तर दिशा में रहेगा। इस दिशा में यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो घर से निकलने से पूर्व गुड़ का सेवन करना शुभ माना जाता है।
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**निष्कर्ष और उपाय:**
पंचांग का यह ज्ञान हमें अपने दिन को बेहतर ढंग से नियोजित करने में सहायता करता है। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफलता दिलाते हैं, जबकि अशुभ समय से बचकर हम संभावित बाधाओं से अपनी रक्षा कर सकते हैं। आज एकादशी के पावन अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और मंत्र जाप करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप विशेष फलदायी रहेगा। अपने दिन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ करें और हर कार्य में ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करें।
यह जानकारी देशज टाइम्स के ज्योतिष विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की गई है।



