मई,5,2024
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घातक गति से पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा इस साल का सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान ‘अम्पन’

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भुवनेश्वर/कोलकाता, देशज न्यूज। तूफान अम्पन पश्चिम केन्द्रीय बंगाल की खाड़ी में पारादीप से 570 किमी की दूरी पर स्थित है तथा 14 किमी की गति से अग्रसर हो रहा है। मौसम विभाग की नवीनतम बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।

हालांकि तूफान सुंदरवन के इलाके में लैंड फॉल करने जा रही है लेकिन ओडिशा के 12 तटीय जिलों में इसका प्रभाव रहने वाला है। इसमें सर्वाधिक नुकसान जगतसिंहपुर केन्द्रापडा, भद्रक, बालेश्वर व  मयुरभंज जिले में होगा। प्रशासन भी इसके मुकाबले के लिए व्यापक कदम उठाने में लगी है।

इधर, चक्रवाती तूफान “अम्पन” तेज गति से पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा है। अलीपुर स्थित मौसम विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक गणेश कुमार दास ने मंगलवार सुबह बताया कि सोमवार रात 2:30 बजे के करीब यह पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर के दीघा समुद्र तट से 840 किलोमीटर दूरी पर पहुंच गया है। जबकि ओडिशा के पारादीप समुद्र तट से महज 720 किलोमीटर दूर है। यह चक्रवात तेज गति से पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और ओडिशा के समुद्र तट की ओर बढ़ता जा रहा है।

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20 मई की शाम को यह दीघा समुद्र तट से टकरा सकता है उस समय इसकी गति 165 से 175 किलोमीटर से लेकर 195 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। इससे जान-माल की भारी क्षति होने की आशंका है। मौसम विभाग ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है जिसके बाद दोनों ही राज्यों की सरकारें काफी सतर्क हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की सात कंपनियों को तैनात किया है। जबकि राज्य आपदा बल की कई अन्य कंपनियां दीघा तथा दक्षिण 24 परगना के समुद्र तट पर तैनात की गई हैं। वैसे इस चक्रवात के दीघा के समुद्र तट पर टकराने की आशंका है। इसीलिए वहां विशेष तौर पर सतर्कता बरती जा रही है। समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इस साल का यह सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है।

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पिछले साल बुलबुल चक्रवात आया था जिससे राज्य में 28 हजार करोड रुपये का नुकसान हुआ था। 5 लाख से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि कोरोना संकट के बीच इस चक्रवात से बचाने के लिए लोगों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते समय सोशल डिस्टेंसिंग के प्रावधानों का विशेष तौर पर ख्याल रखा जाना चाहिए।

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मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि इसका असर न केवल पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के समुद्र तट पर होगा बल्कि हावड़ा और हुगली जिले भी प्रभावित हो सकते हैं।

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