खुटौना,देशज टाइम्स मधुबनी ब्यूरो। प्रखंड के एक ईंट भट्ठा मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। मृतक चतुर्भुज पिपराही के वीरेन्द्र कुमार वनरैत (40 वर्ष) ने अन्य लोगों के साथ गांव से सटे एनएच 104 के पास के श्री महावीर ईंट उद्योग को लीज पर जमीन दे रखी थी। करीब पांच वर्ष पुराने इस भट्ठे में उनके साथ ही राजेन्द्र माल, राम सेवक वनैता,ओम प्रकाश सरहाना व संजीत मैरता सहित करीब एक दर्जन लोगों ने लीज पर अपनी जमीन दे रखी है।
इन भूदाताओं को इसके एवज में 90 हजार ईंटें प्रति वर्ष देने का करार हुआ था जो सामान्य रूप से चल रहा था। लेकिन लॉकडाउन के कारण बंद पड़े भट्ठे से इन भूदाताओं को इस बार ईंटें नहीं मिलने की आशंका थी। इस पर वीरेंद्र ने भट्ठा मालिक लौकहा थाना क्षेत्र के रामपुर के ओम प्रकाश पोद्दार व उसका छोटा भाई धर्मदेव पोद्दार, पथराही के राम नारायण साह तथा लौकही थाना क्षेत्र के छातापुर के अमर साह पर भूदाताओं को ईंटें देने का दबाव बना रहे थे।
इसके लिए उन्होंने अपने हिस्से की साढ़े तीन लाख ईंटें भी बाद में लेने पर सहमति जता दी थी। लेकिन इसके बावजूद भी भट्ठा मालिक ईंटों को बेचकर निकल जाना चाहते थे। लेकिन वीरेंद्र इसके विरुद्ध थे। मृतक के भाई विमल कुमार वनरैत के बयान पर दर्ज मामले में हत्या का सीधा आरोप भट्ठा मालिकों एवं अन्य लोगों पर लगाया है।
उधर भट्ठा पर मौजूद मुंशी झांझपट्टी आशा गांव के प्रमोद कुमार यादव का कहना है कि जब वे स्थानीय हाट से सब्जी लेकर और भट्ठे के दो मजदूरों से मिलकर जब आए तो उनसे भट्ठे से थोड़ी दूर एनएच 104 से ही बाइक मांगकर कहीं चले गए। रोज की तरह वीरेद्र जहां बैठते थे वहीं वे लेटे हुए थे। लेकिन उस कमरे का बल्ब खोल लिए जाने के कारण उन्हें उनके साथ हुई घटना का पता नहीं चला।
लेकिन सब्जी रखने के लिए जब उन्होंने बगल का कमरा खोला तो खून से लथ-पथ वीरेंद्र को देख नर्वस हो गए। किसी तरह खुद पर काबू करके और वहां से थोड़ा हटके उन्होंने घरवालों को जानकारी दी।
उन्होंने आकर देखा तो उन्हें तकिए से मुंह ढ़ककर दो गोलियां मारी गयी थीं। उनके चेहरे पर छुरे के वार के भी निशान पाए गए हैं। इधर लौकहा थानाध्यक्ष ने बताया, शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेज दिया गया है।