चंदन पांडेय, देशज टाइम्स ब्यूरो। राज्यसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर के नेतृत्व में बुधवार को विद्यापति सेवा संस्थान का एक प्रतिनिधिमंडल सात सूत्री मांगों के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इसमें सीबीएसई की आठवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में मैथिली को शामिल करने के लिए केन्द्रीय मंत्री का अभिनंदन किया गया।
साथ ही सात सूत्री मांगों में बारहवीं तक की कक्षाओं के पाठ्यक्रम में मैथिली विषय को शामिल करने, प्राथमिक स्तर के स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक मैथिली विषय के अध्यापन की शुरुआत, यूजीसी की ओर से जेएनयू सहित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में मैथिली विषय के साथ पढ़ाई की व्यवस्था करने की पहल करने की भी बात रखी।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करने की मांग रखी। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. सीपी ठाकुर के साथ शामिल विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात बाद दूरभाष पर देशज टाइम्स को बताया कि प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ अत्यंत सौहार्दपूर्ण
वातावरण में वार्ता हुई है। उन्होंने सभी मांगों को जायज ठहराते हुए भरोसा दिलाया कि निकट भविष्य में ही इन मांगों को पूरा करने के लिए सरकार कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान पद्मश्री सीपी ठाकुर की ओर से प्रस्तुत तर्क से केंद्रीय मंत्री साफतौर पर सहमत दिखे कि अष्टम अनुसूची में शामिल इस भाषा को लेकर आईएएस तो बन रहे हैं जबकि प्राथमिक स्तर पर यह विषय पढ़ाई की बुनियादी व्यवस्था से सर्वथा वंचित है। डॉ. बैजू ने देशज टाइम्स को बताया कि मुलाकात के दौरान डॉ. सीपी ठाकुर ने समस्त
मिथिलावासियों की ओर से मिथिला की परंपरा अनुरूप पाग व चादर से केंद्रीय मंत्री को सम्मानित करते हुए उन्हें दरभंगा आने का न्योता दिया, जिसे मंत्री ने स्वीकार करते हुए जनवरी में दरभंगा आने का आश्वासन दिया। जानकारी के अनुसार, गत दिनों मैथिली को सीबीएसई की आठवीं कक्षा तक शामिल करवाने के लिए महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान में आयोजित डॉ. सीपी ठाकुर के नागरिक अभिनंदन समारोह में मैथिली सेवी मणिकांत झा व महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा की ओर से बारहवीं व विश्वविद्यालय स्तर पर मैथिली की पढ़ाई शुरू किए जाने की मांग उठाई गई थीद्ध वहीं डॉ. सीपी ठाकुर ने मौके पर ही भरोसा दिलाया था कि मिथिला मैथिली की सेवा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।