पटना। पीएमसीएच अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल ने कोविड से 40 साल के एक शख्स की मौत का प्रमाणपत्र दिया और फिर पैक कर उसकी डेडबॉडी को सीधे बांस घाट पहुंचा दिया। अंतिम संस्कार से पहले परिजनों से नहीं रहा गया और उन लोगों ने जबरन उसका चेहरा देख लिया। चेहरा देखते ही उसके होश उड़ गए क्योंकि शव किसी और का था। अस्पताल द्वारा मृत घोषित किया गया 40 साल का युवक स्वस्थ है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। सूचना मिलने पर पीएमसीएच ने बांस घाट से शव वापस अस्पताल मंगवा लिया।
चुन्नू की पत्नी और वहां मौजूदा परिजनों ने अस्पताल में कोरोना इलाज पर सवाल खड़े किये है। शुक्रवार को जब चुन्नू को कोरोना पॉजिटिव बताया गया तो परिवार के 12 सदस्यों ने अपना भी टेस्ट कराया। छोटे बच्चों से लेकर 70 वर्ष के बुजुर्ग तक निगेटिव निकले। चुन्नू भी चार माह से बेड पर पड़े थे। बिना कहीं बाहर गए सिर्फ वो कैसे पॉजिटिव हो गए, यह सवाल परिवार उठा रहा है। उनका यह भी कहना है कि ब्रेन हैमरेज के पेशेंट को, जिसे तत्काल इलाज की जरूरत है, कोरोना के नामपर अलग रख दिया गया है। कहा गया कि जबतक निगेटिव नहीं होंगे, तब तक आगे इलाज नहीं होगा।
इस मामले में पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ इंदु शेखर ठाकुर ने कहा कि जानकारी मिली है। हम इसकी जांच करा रहे हैं। हेल्थ मैनेजर या जिस भी स्तर से गड़बड़ी मिलेगी, कार्रवाई करेंगे। जो डेडबॉडी दी गई थी, वो मंगा ली गई है। हम अभी पीएमसीएच में सुविधाएं बढ़ाने में लगे हुए हैं। जल्द ही आम मरीजों के लिए 20 बेड और मिल जाएंगे।