पटना। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर आमजनों की जान माल की सुरक्षा के प्रति विभाग पूरी तरह सचेत और सतर्क है। अस्पतालों में कोरोना बेड की संख्या में वृद्धि, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट सुविधा को बेहतर करने का निर्देश दिया गया है।
मंगल पाण्डेय ने मंगलवार को यहां नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) का दौरा करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोरोना को हराना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। एनएमसीएच में भर्ती कोरोना मरीज यहां की व्यवस्था और इलाज से संतुष्ट हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसको देखते हुए प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल सहित पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में अधिक से अधिक संख्या में कोरोना संक्रमण की जांच करने का निर्णय किया गया है।
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच परिसर में टेस्टिंग लेबोरेटरी की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक मशीनों की खरीद के लिए डेढ़ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। पीएमसीएच में कोरोना मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाईयों व अन्य आवश्यक सामग्री पर यह राशि व्यय की जाएगी। इसके अलावा अस्पताल प्रशासन को भर्ती मरीजों को सुबह व शाम पौष्टिक अल्पाहार व भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी विभाग ने राशि प्रदान की है। पीएमसीएच में सुविधाएं बढ़ने से कोरोना पीड़ित मरीजों को जरूर राहत मिलेगी।
मंत्री पाण्डेय ने कहा कि यह राशि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत योजना एवं विकास विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के संधारित कोरोना उन्मूलन कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा एनएमसीएच में कोरोना मरीजों के लिए और 154 बेड की व्यवस्था कराई जा रही है। पटना एम्स, पीएमसीएच, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल, एनएमसीएच सहित अन्य मेडिकल कालेजों में बेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एम्स (पटना) में कल से 30 बेड बढ़ जायेंगे। अनुमंडल अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों की बेहतर व्यवस्था का निर्देश दिया गया है जो डेडी केटेड हेल्थ सेंटर के रूप में काम करेगा। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि कोरोना संक्रमित की जांच रोजाना एक लाख के करीब हो। इसमें आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या अधिक से अधिक हो।
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