back to top
24 नवम्बर, 2024
spot_img

प. बंगाल: 60 साल की बुजुर्ग महिला के साथ उसके पोते के सामने दुष्कर्म, बाप के सामने बेटी के साथ… एनएचआरसी रिपोर्ट में चुनाव बाद हिंसा को लेकर दिल दहलाने वाले दावे

spot_img
spot_img
spot_img

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य के हर हिस्से में फैली बर्बर हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट दी है वह दिल दहलाने (WB- NHRC Report on post poll violence.) वाली है। कहीं पता चला है कि 60 साल की महिला का उसके पोते के सामने दुष्कर्म किया गया है तो कहीं पिता के सामने बेटी का उत्पीड़न हुआ है।

 

 

पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा में हजारों भाजपा सर्मथकों पर जमकर अत्याचार किया गया। कई स्थानों पर आज भी ये लोग अपने घर को छोड़कर दूसरी जगह रह रहे हैं। उनके घरों को तोड़ दिया गया है। बीते दो महीने में कई बार उनके घरों को निशाना बनाया गया।

 

हाल ही में जब कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा की जांच कर रहे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने उस क्षेत्र का दौरा किया तो कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों द्वारा टीम का पीछा किया गया और हमले की भी कोशिश हुई थी।

 

आयोग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार पर हिंसा पर आंखें मूंदने का इल्जाम लगाया गया है। लोगों में अब भी भय का माहौल है।

 

पीड़ित परिवार अभी भी किसी से मिलने से बच रहे हैं। 40 परिवारों में से सिर्फ आठ ने नए स्थानों पर मीडिया से मुलाकात करने के लिए सहमति जताई है, जबकि दो अन्य ने फोन पर बात की। दो परिवार सड़क के किनारे मिले। पीड़ित परिवारों के कई लोगों ने दावा किया कि उन्होंने पुलिस से संपर्क किया था किन्तु पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। अंत में कुछ ने आयोग को शिकायत भेजी थी।

 

हालांकि पुलिस का दावा है कि उन्होंने कॉलोनी के डोमपारा इलाके में हिंसा की एक घटना के लिए दो लोगों को अरेस्ट किया है। किन्तु किसकी गिरफ्तारी हुई पुलिस ने ये बताने से मना कर दिया। पूरे मामले को लेकर तृणमूल का कहना है कि इस हिंसा में उनका कोई रोल नहीं था।

 

पलायन करने वाले परिवारों में शामिल होने का दावा करते हुए मेघा और अमित डे ने कहा कि वे अपने तीन वर्षीय बेटे के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकते रहे हैं। आखिर में उन्हें किराए पर एक कमरा मिला है लेकिन अब भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -