मधेपुरा। मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के विशेष अदालत में शुक्रवार को जाप सुप्रीमों पप्पू यादव की पेशी हुई जहां बीमारी का हवाला देकर जल्द केस खत्म करने की न्यायालय से उन्होंने अपील की। पप्पू यादव ने किडनी के स्टोन का ऑपरेशन करवाने की न्यायालय से गुहार लगाई।
मधेपुरा के विशेष अदालत सह एडीजे-3 की कोर्ट में पप्पू यादव ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई इस दौरान पूर्व सांसद ने अपना बयान रिकार्ड करवाया।उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके किडनी में स्टोन हो गया है जिसका ऑपरेशन दिल्ली में करवाना है।इसलिए इलाज के लिए दिल्ली जाने की उन्होंने अनुमति कोर्ट से मांगी। फिलहाल कोर्ट ने क्या ऑर्डर किया यह अभी अपलोड नहीं हो पाया है।
वापस लौटे DMCH
हालांकि कोर्ट प्रक्रिया के बाद उन्हें पुनः एम्बुलेंस से दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (दरभंगा-डीएमसीएच) भेज दिया गया। इससे पूर्व डीएमसीएच दरभंगा से लेकर मधेपुरा आने तक रास्ते में उनके समर्थक भी काफिले के साथ दिखे।कोर्ट में गवाही के बाद निकलते ही उनके समर्थकों ने नारेबाजी भी की। हालांकि कोर्ट परिसर में हीं उन्हें एम्बुलेंस पर बैठा दिया गया था, इस कारण से उन्होंने प्रेस में कोई बयान नहीं दे पाए।
जाप के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद्र सिंह ने बताया कि उन लोगों को कोर्ट पर भरोसा है जरूर न्याय मिलेगी।12 मई को पटना में एक मामले में गिरफ्तारी के बाद उन्हें मधेपुरा कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार कर 12 मई की रात को ही मधेपुरा कोर्ट लाया गया था।
जहां से लोअर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजते हुए क्वारेंटाइन जेल बीरपुर शिफ्ट कर दिया था । क्वारेंटाइन जेल बीरपुर में रहते हुए बीमारी के ग्राउंड पर वे डीएमसीएच भेजे गए थे।
साथ ही उनकी जमानत अर्जी को खारिज करते हुए एक जून को जिला जज रमेशचंद मालवीय की कोर्ट ने कहा की अपहरण का केस नन कम्पाउंडेबल होता है। उन्होंने आदेश दिया कि संबंधित कोर्ट एक माह में सेशन ट्रायल शुरू कर छह माह में सुनवाई पूरी करे।
दरअसल मधेपुरा के पूर्व सांसद की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आज तीसरा डेट था । कोर्ट की कार्रवाई के संबंध में जानकारी देते हुए पप्पू यादव के अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ठ ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 313 के तहत उन्होंने आज अपना बयान दर्ज कराया है।
साथ हीं न्यायालय से जल्द से जल्द सुनवाई कर मामले को खत्म करने का भी गुहार लगाया गया है ।पप्पू यादव के बेल की सवाल पर अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ट ने कहा कि यह हाई कोर्ट का मामला है इस मामले में मैं फिलहाल कुछ नहीं बता सकता हूं।