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22 दिसम्बर, 2024
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प्रमुख के मलाईदार पद की चाहत में ननद-भौजाई में लड़ाई

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हनुमाननगर, देशज टाइम्स ब्यूरो। प्रखंड प्रमुख के मलाईदार पद पाने की चाहत में ननद भौजाई की लड़ाई अब घर के चौखट से निकलकर प्रखंड पंचायत समिति की जंग में भी जगह बनाने लगी है। शुक्रवार को हनुमानगर की वर्तमान प्रमुख नीलम देवी व उप प्रमुख मो. सत्तार के विरुद्ध सत्रह सदस्यीय सदन के दस सदस्यों ने अपना हस्ताक्षर कर प्रमुख के नाम संबोधित पत्र प्रखंड कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ ओम प्रकाश को दिया है।असमय दाखिल अविश्वास प्रस्ताव ने भीषण शीतलहर के में भी प्रखंड की राजनीति को गरमा दिया है। विश्वास मत प्राप्त करने के लिए विशेष बैठक आहूत करने के लिए रोशन आरा सहित दस पंसस ने बीडीओ से आग्रह किया है।आगामी लोकसभा चूनाव से पूर्व हीं प्रखंड प्रमुख  पद को लेकर चुनावी सरगर्मी काफी बढ़ गई है।ऐसे तो प्रमुख पद को हथियाने को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मुहिम गत डेढ़ माह से अंदरखाने चल रही थी जो शुक्रवार को प्रस्फुटित हो गई।इसके कारण तब्दीली की बयार में अब तक बेकाम पड़े पंचायत समिति सदस्यों का भाव काफी उंचा दिख रखा है।

कल तक सीधी मुंह बात न करने वाले सदस्य आज सदस्यों की मनुहार करते देखे जा रहे हैं।वहीं अन्य चुनावों की भांति हीं वोटर सदस्यों के खरीद फरोख्त का कारोबार परवान पर है।यह दीगर बात है कि अपने को अल्पसंख्यक होने की आशंका से ग्रसित प्रमुख पक्ष के लोग भी चांदी की चमक बिखेड़कर हर हाल में अपनी निजाम कायम रखने में कोई कोर कसर बांकी नही रख रहे हैं। जानकारी के अनुसार प्रखंड में कुल 19 पंचायत समिति सदस्य के पद सृजित हैं। इनमें से प्रमुख खेमा के एक सदस्य ललित मिश्र की मृत्यु हो गई तथा एक सदस्य चंदेश्वर सहनी के नौकरी में चले जाने के कारण कुल दो पद रिक्त हो गए हैं।

आम चूनाव के बाद प्रमुख पद के लिए हुए चुनाव में दस मत पाकर एक मत के अन्तर से नीलम देवी विजयी घोषित की गई थी।तथा इस चुनाव में नौ मत पाकर दूसरे स्थान पर पूर्व प्रमुख जयकिशोर यादव रहे थे।अचानक प्रमुख समर्थक खेमे से दो सदस्यों की रिक्तता व खुद प्रमुख खेमे से हीं अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से स्थिति रोचक बन गई है। वहीं, विरोधी खेमा के लोग लूट में चरखा नफा की तर्ज पर वेट एंड वाच की स्थिति में रहकर राजनीतिक परिदृश्य को भांपने में लगे हैं। देखना यह है कि वर्तमान प्रमुख और परिवर्तन की जंग में जीत का सेहरा किसके सिर सजता है। वही यह भी स्पष्ट होगा कि इस पद की लड़ाई में सत्तारूढ़ दल अपनी शाख बचा पाते हैं या आपस में दोनों की लड़ाई का फायदा बिल्ली पंच बने महागठबंधन के पुराने खिलाड़ी उठा ले जाते हैं? बहरहाल आरोपों प्रत्यारोपों के दौर से दिगर एक बात स्पष्ट रुप से परिलक्षित हो रही है कि शायद इस बार प्रखंड हनुमानगर का प्रमुख पद को लेकर प्रमुख का कार्यकाल पूरा करने का इतिहास शायद बदल जाए।प्रमुख के मलाईदार पद की चाहत में ननद-भौजाई में लड़ाई

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