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22 दिसम्बर, 2024
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धरोहरों को अक्षुण्ण रखने की दिखी जिद

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दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। सप्ताहव्यापी युवा महोत्सव कार्यक्रम के अंतिम दिन शुक्रवार को महरानी अधिरानी रमेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय में  सभी को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश झा बताए कि स्वामी जी भारतीयों का ही नहीं अपितु पाश्चात्य जगत् के मनीषियों के भी आदर्श माने जाते हैं। स्वामी विवेकानंद विश्व पटल पर अपनी धरोहरों की कीर्ति ख्याति व विचारधाराओं की विलक्षणता को अत्यन्त रहस्यमय ढंग सेअपनी ओजपूर्ण वाणी की ओर से इस तरह  व्यक्त किए जिससे संपूर्ण पाश्चात्य जगत् भारतीय विचारधाराओं के प्रति समर्पित होने लगे।

स्वामी जी का सोच जीवन के सभी दिशाओं में व्याप्त था, जिस प्रकार उनकी  विचारधाराओं को अतुलनीय माना जाता है ठीक उसी प्रकार हम भी बनने का प्रयास करें जिससे हम भी किसी का आदर्श वन सके यह हमारा ध्येय होना चाहिए। सभा की समाप्ति विद्यार्थियों के साथ डॉ. विश्वनाथ वनर्जी ने हम होंगे कामयाब गीत से किया।  इसी अवसर पर एक बागबानी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. दिनेश झा ने बताया कि बागबानी समाज के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं। इसमें  पर्यावरण की शुद्धि क्षमता, के साथ-साथ ही आरोग्यता प्रदान करने की भी क्षमता है। मौके पर महाविद्यालय के सभी  शिकक्षों, कर्मचारी,  छात्र व छात्रा सम्मिलित थे। छात्र-छात्राओं में मनीष कुमार झा, मोनु कुमार मिश्र,रजनीश कुमार झा,भक्ति कुमारी, पंकज कुमार,भास्कर झा शामिल हुए।धरोहरों को अक्षुण्ण रखने की दिखी जिद

 

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