आरा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के चौदह कॉलेजों में नैक से मान्यता लेने के पूर्व सभी तरह के मापदंडों को पूरा कर लेने की तैयारी को लेकर विवि द्वारा दिये गए दो करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र अब तक कॉलेजो द्वारा विवि को नहीं दिए जाने के बाद मामला गरमाता जा रहा है।
विवि और कॉलेज प्रशासन की संयुक्त मिलीभगत से नैक की तैयारी के नाम पर करोड़ों करोड़ रुपये की लूट पाट की चर्चा इनदिनों विवि के प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
वीकेएसयू के पूर्व सीनेट सदस्य और आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार तिवारी मुनमुन ने विवि द्वारा कॉलेजों को नैक से मान्यता के लिए दिए गए राशि, खर्च करने संबंधी गाइडलाइन और खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र आरटीआई अधिनियम के तहत मांगे तो विवि के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गया है।
आरटीआई के आवेदन के आलोक में विवि के लोक सूचना कार्यालय ने आधी अधूरी और तथ्यों को छुपाकर कथित भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने वाली सूचना उपलब्ध कराई है।इसके बाद मुनमुन ने बिहार राज्य सूचना आयोग में अपील दायर कर नैक के नाम पर दी गई राशि के उपयोग, गाइडलाइन और राशि के विवरण की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
विवि द्वारा नैक से मान्यता की तैयारी को लेकर आरा के महाराजा कॉलेज,एमएम महिला कॉलेज,जैन कॉलेज सहित कुछ कॉलेजों ने नैक से मान्यता तो ले लिया लेकिन विवि द्वारा लिए गए राशि के खर्च का उपयोगिता प्रमाणपत्र नही सौंपा है।
विवि के कई कॉलेजो ने नैक से मान्यता की तैयारी को लेकर विवि से राशि भी ले ली है और अब तक नैक से मान्यता भी प्राप्त नही कर सके हैं।ऐसे कॉलेजो ने नैक से मान्यता लेने की तैयारी के नाम पर विवि से पैसे तो लिए लेकिन उन पैसों का क्या किया यह सवाल अब पूरी तरह सवालों के घेरे में आ गया है।
वीकेएसयू के एच डी जैन कॉलेज आरा,एसवीपी कॉलेज भभुआ,डीके कॉलेज बक्सर, एसएन कॉलेज श्यामल खैरादेव, रोहतास महिला कॉलेज सासाराम,एसपी जैन कॉलेज सासाराम, जीबी कॉलेज रामगढ़, श्री शंकर कॉलेज सासाराम और एसबी कॉलेज आरा को नैक से मान्यता लेने को लेकर मापदंडों को पूरा करने संबंधी कार्यो को पूरा कर लेने के लिए 10-10 लाख रुपये दिए गए।
वही आरा के महाराजा कॉलेज को दस दस लाख रुपये के तीन चेको के माध्यम से कुल 30 लाख रुपये, जगजीवन कॉलेज को दस दस लाख रुपये के तीन चेको के माध्यम से तीस लाख रुपये, एमवी कॉलेज बक्सर को दस दस लाख रुपये के दो चेको के माध्यम से कुल 20 लाख रुपये और एएस कॉलेज बिक्रमगंज को दस दस लाख रुपये के दो चेको के माध्यम से 20 लाख रुपये विवि ने नैक से मान्यता प्राप्त करने संबंधी सभी तैयारियों को पूरा करने के लिए दिया है।
नैक से मान्यता के नाम पर कई कॉलेजो ने विवि द्वारा दिये गए लाखों लाख रुपये की कथित लूट की है जिसकी उच्च स्तरीय जांच हुई तो विवि के अधिकारी से लेकर कई कॉलेजो के प्राचार्य तक वित्तीय अनियमित्तता और सरकार की राशि के लूट पाट को लेकर कानून के शिकंजे में आ सकते हैं।