बिहार में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की कीमत में हुई रिकार्ड वृद्धि के बाद अब बिजली दर भी बढ़ने वाला है। जल्द ही कम समय वाले मौसमी बिजली कनेक्शन यानी सीजनल कनेक्शन 5 से 30 फीसद तक महंगा हो सकता (Electricity going to be expensive in Bihar) है।
बिजली कंपनी ने बिहार विद्युत विनियम को इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया है। आयोग की मंजूरी मिलते ही 1 अप्रैल 2022 से यह दर लागू हो जाएगी।
इससे पहले पिछले साल नवंबर में ही कहा गया था कि अप्रैल, 2022 से बिहार में बिजली 10 फीसदी तक महंगी हो सकती है। बिजली कंपनियों ने सोमवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग को याचिकाएं देकर बिजली दरों में करीब 10% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। आयोग अब इन याचिकाओं पर जनसुनवाई के बाद नयी दरें तय करेगा, जो एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगी।
पिछले वर्ष भी एक अप्रैल को बिहार में बिजली का नया दर लागू कर दिया गया था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिजली के दरों में 0.63 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। इससे बिहार में बिजली की दर प्रति यूनिट 5 से 10 पैसे बढ़ गई थी।
लेट फाइन में भी की गई थी वृद्धि
बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने इसे निर्धारित किया गया था। यह टैरिफ आदेश एक अप्रैल 2021 से लागू हो गया और 31 मार्च 2022 या आयोग की ओर अगला टैरिफ आदेश निर्गत होने तक प्रभावी रखने की बात कही गई थी। बिजली के दर के साथ ही लेट फाइन भी बढ़ाई गई थी जिसके तहत बिल देरी से भरने पर अतिरिक्त फाइन देना पड़ रहा है।
अब नया क्या है इस वर्ष
बिजली कंपनी की ओर से भेजे किए प्रस्ताव के अनुसार अगर कोई सीजनल कनेक्शन तीन महीने के लिए लेता है तो उसे सामान्य बिजली दर के अलावा 30 फीसदी अतिरिक्त राशि देनी होगी। यह राशि उसी श्रेणी के अनुसार वसूली जाएगी जिसमें उपभोक्ता ने बिजली कनेक्शन लिया है।
वहीं अगर कोई तीन से छह महीने के बीच का कनेक्शन लेना चाहता है, उसे समान्य बिजली दर के अलावा 20 फीसदी अतिरिक्त राशि देनी होगी। छह महीने से अधिक लेकिन नौ महीने तक के लिए कोई बिजली कनेक्शन लेना चाहता है तो उन्हें सामान बिजली दर के अलावा 15 फीसदी अतिरिक्त राशि देनी होगी।
सीजनल कनेक्शन अभी तक कम से कम तीन महीने तो अधिकतम 1 साल के से कम अवधि के लिए होता है, लेकिन बिजली कंपनी के दवरा भेजे गए प्रस्ताव में कंपनी ने इस बार सीजनल में एक नई श्रेणी जोड़ा है। इस बार कंपनी ने नौ महीने से अधिक पर एक साल से कम अवधि के लिए सीजनल कनेक्शन देने की बात कही है इस श्रेणी में उपभोक्ताओं को सामान बिजली दर से मात्र पांच फीसदी अतिरिक्त राशि देनी होगी।
पिछले साल वितरण कंपनियों ने 9.22 फीसद बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे विद्युत विनियामक आयोग ने खारिज कर दिया था। अनुदान रहित टैरिफ के मुताबिक शहरी क्षेत्र में सौ यूनिट पर पहले जो 605 रुपए का बिल आता था, वो अब 610 रुपए हो गया। वहीं, जैसे-जैसे बिजली की खपत बढ़ेगी, वैसे-वैसे बिल में वृद्धि होती जाएगी। राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी की घोषणा के बाद टैरिफ में कमी आएगी। वहीं, स्मार्ट प्री पेड मीटर वाले उपभोक्ता को तीन फीसद की छूट मिलेगी।
मगर, अब कहा जा रहा है
बिजली दर के अलावा सीजनल कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को नियमानुसार मीटर रेंट, एनर्जी चार्ज सहित अन्य विविध शुल्क भी देने होंगे जो समान कनेक्शन में उपभोक्ताओं को देने होते हैं। तय समय के बाद सीजनल कनेक्शन अपने आप में समाप्त माना जाएगा। तय अवधि के बाद अगर उपभोक्ता चाहें तो वे अपने कनेक्शन को स्थाई में परिवर्तित करा सकते हैं। सीजनल कनेक्शन मुख्यत धान की कुटाई, गेहूं की दौनी, घर मकान बनाते समय लेते हैं।
नवंबर 2021 तक यह दरें थी लागू
वर्तमान में घरेलू बिजली दरें (रुपये प्रति यूनिट)
ग्रामीण क्षेत्र की दरें
यूनिट- बिना अनुदान – अनुदान के बाद
– 0-50- 6.10 रुपया- 2.60 रुपया
– 51-100- 6.40 रुपया- 2.90 रुपया
– 100 से अधिक- 6.70 रुपया- 3.15 रुपया
शहरी क्षेत्र की दरें
यूनिट- बिना अनुदान – अनुदान के बाद
-0-100- 6.10 रुपया- 4.27 रुपया
-101-200 – 6.95रुपया – 5.12 रुपया
-201 से अधिक- 8.05 रुपया- 6.22 रुपया