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24 नवम्बर, 2024
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Bihar News: डीईओ कार्यालय से 100 से अधिक सर्विस बुक गायब, शिक्षा विभाग में हड़कंप

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बिहार की शिक्षा व्यवस्था किस कदर गिरती जा रही है इसकी एक बानगी भर है डीईओ कार्यालय से सौ से अधिक सर्विस बुक का यूं गायब हो जाना। मामला, मुंगेर जिले से जुड़ा है जहां सर्विस बुक के संधारण में सिक्के की खनक इतनी मोटी है कि सर्विस बुक गुम होना लाजमी है। कारण,शिक्षा विभाग से गुरु जी को ठगने, रुपए ऐंठने से लेकर गुरू गोष्ठी में ही माल गटक लेने की तरीके जिस तरीके से पूरे बिहार के सिस्टम में हावी हो चुके हैं या यूं कहें, गुरू गोष्ठी का आयोजन ही घपलेबाजी को सिखाना उसे अमल में लाना हो गया है। पढ़िए पूरी खबर

यह जानकारी अब जिलाधिकारी नवीन कुमार तक पहुंच गई है। उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है। शिक्षक शिक्षिकाओं का एक सौ सर्विस बुक गुम हो जाने का मामला तब प्रकाश में आया जब जिलाधिकारी की बैठक में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मामले को बैठक में रखा।

जिलाधिकारी ने इसका संज्ञान स्वयं लिया और कारवाई का आश्वासन दिया । सर्विस बुक गुम होने के तह तक गया तो जमालपुर के एक प्राचार्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 500 से लेकर 1000 तक लिया जाता है। जिसमें स्थापना कार्यालय से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय तक शामिल है और जो इस लेन-देन में शामिल नहीं होते हैं उनका सर्विस बुक तब तक गुम रहता है।

जब बैैठक में प्रतिनिधियों ने डीएम  से यह बात कही तो कि एक सौ सर्विस बुक जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से गुम हो गए हैं तो यह सुनते ही हड़कंप मच गया। सभी एक दूसरे को देखने लगे एवं जिलाधिकारी हतप्रभ हो गए।

यूनियन प्रतिनिधियों ने जिनका सर्विस बुक गुम हुआ कुछ का नाम बताया जिसमें चन्द्रदेव यादव सहित अन्य है। जिसके कारण कई शिक्षक शिक्षिका लाभ से वंचित है। इस मामले में समाचार लिखे जाने तक थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया है और इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश चौधरी से बात किया तो उन्होंने कहा कि स्थापना से जाकर बात करें और कहा कि कौन सा सर्विस बुक गायब है, ए,बी, सी,डी और यह भी कहा कि कोई भी सर्विस बुक गायब नहीं है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के बयान से स्पष्ट हो गया की स्थापना विभाग भी जांच के घेरे है।

हकीकत यही है, जो गुरुजी बच्चों को पूरी जीवन शिक्षा देते रहे, ईमानदारी का पाठ पढ़ाते रहें और उनके रहनुमा कार्यालय के पदाधिकारी कर्मी उन्हें ऐंठने में जरा भी देर नहीं करते हैं । बुजुर्ग हुए शिक्षक शिक्षिका, अवकाश प्राप्त किए शिक्षक शिक्षिका कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते परेशान हो जाते हैं और जैसे ही सिक्के की खनक बोलती है । गुरुजी का सर्विस बुक मिल जाता है।

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