नवादा जिले के सभी बीडीओ और आवास सहायकों ने गालियां देने व सार्वजनिक तौर पर चोर कहे जाने पर डीएम यशपाल मीणा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को बैठक कर कार्य बहिष्कार की भी चेतावनी दी है।
सभी बीडीओ ने मुख्य सचिव से मांग करते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर उनसे ग्रामीण विकास विभाग का कार्य लिया जाए। कार्य नहीं करने पर दंडित भी किया जाए लेकिन अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया जाए।
प्रखंड विकास पदाधिकारियों तथा आवास सहायकों ने किसी भी कीमत पर गालियां देने वाले डीएम जसपाल मीणा के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की भी मांग की है, वहीं डीएम के गालियों से बेहोश होने वाले जिला योजना पदाधिकारी संतोष कुमार की पत्नी प्रियंका कुमारी ने कोर्ट में भी मामला दर्ज करने की बात कही है। डीएम के इस व्यवहार से नवादा जिले में प्रशासनिक अराजकता का माहौल कायम है।
सभी बीडीओ सामूहिक अवकाश पर चले जाने की धमकी के साथ डीएम की मानसिक हालत की भी जांच की मांग की है। इसके पूर्व डीएम ने एक होमगार्ड जवान को गालियां दी थी जिसके तनाव में समाहरणालय के बरामदे में ही उसकी दहशत से हर्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी जिसके परिवार को डीएम ने मैनेज कर मुकदमा तक नहीं करने दिया।
आवेदन में लिखा है कि आवास योजना की समीक्षा बैठक में डीएम ने गलियों के साथ कई अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जो कतई उचित नहीं है। सभी बीडीओ पूरी तन्मयता से दिन-रात कार्यों का निबटारा कर रहे हैं। विभागीय कार्यों के अलावा अन्य कई कार्य को निबटा रहे हैं। अवकाश के दिनों में भी काम लिया जा रहा है। जिससे जीवन संकट में पड़ गया है। सेवा शर्तों के अलावा भी काम लिए जा रहे हैं। इसके बावजूद शारीरिक, मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
जिला योजना पदाधिकारी संतोष कुमार को 26 अप्रैल को इतनी गालियां दी थी वह वैसे बेहोश हो गए, जिन्हें चिंताजनक हालत में पटना के लिए रेफर किया गया था। अधिकारियों से गालियों से ही बात करते हैं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के संयोजक अरविंद मिश्रा ने बिहार के मुख्यमंत्री से यशपाल मीणा की मानसिक जांच की भी मांग की है कहा गया है कि उनके व्यवहार से निचले अधिकारियों में इतना रोष है कि नवादा का विकास बाधित होकर रह गया।
डीएम के दिमागी हालात की भी जांच की मांग की गई है।बैठक में डीएम के गालियां जैसे आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है। सभी बीडीओ ने ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री सहित मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, बिहार के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को फैक्स सन्देश भेज कर आपत्ति जताई है। आवेदन पर जिले के सभी बीडीओ का हस्ताक्षर है।