दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो। साहब आपके आदेश का क्या हुआ। फिर, वही बात हो गई। समाहरणालय और न्यायालय की ठीक सामने सड़कों पर मोटरसाइकिल लगने लगी। दरभंगा के साहेब जी…क्या हुआ वो वादा…वो कसम वो इरादा…क्या सिस्टम ने यही चाहा, ये बेकाम निकले…Sanjay Kumar Rai की यह खास रिपोर्ट
कोई देखने वाला नहीं है। एक तो मोटरसाइकिल खड़ी कर दिये जाने के बाद सड़क संकीर्ण हो जाता है वहीं अगर कोई चार चक्का वाहन आ जाय तो जाम निश्चित है। यातायात पुलिस लगातार डीएम के आदेश के आलोक में अक्सर वहां खड़ी गाड़ियों को उठाकर लें जाती थी लेकिन अब यह कार्रवाई भी नहीं दिखाई देता है।
जी हां हम बात कर रहे हैं, लहेरियासराय टावर से समाहरणालय की और जाने वाली सड़कों की, जो इन दिनों व्यस्त सड़कों में एक है। डीएम, एसपी, एसएसपी, आईजी, कमिश्नर कार्यालय जाने वाली इन सड़कों पर जाम की समस्या बनी रहती है।
यही नहीं, अक्सर यहां से मोटरसाइकिल चोरी की घटना सामने आ रही है। जब तक यातायात पुलिस कार्रवाई कर रही थी तब तक यहां से चोरी की घटनाएं बंद थी।
यहां बता दें कि डीएम ने शख्त तेवर में स्पष्ट आदेश दिया था कि समाहरणालय और न्यायालय परिसर आगे कोई भी दो चक्का या चार चक्का वाहन खड़ी नहीं होगी।
डीएम के इस आदेश के बाद एसएसपी के निर्देश पर यहां अवैद्य रूप से खड़ी की जाने वाले वाहनों पर यातायात पुलिस सख्ती से कार्रवाई करने लगी थी।
नतीजा यह निकला कि इस सड़क पर वाहन भी नहीं दिखाई पड़ता था और सड़क भी साफ सुथरी दिखाई पड़ती थी। मोटरसाइकिल या चार चक्का लगाने के लिये थोड़ा आगे धरनास्थल के निकट जगह भी चिन्हित कर दिया गया। लेकिन, उस जगह पर लोग गाड़ी नहीं लगाकर फिर से सड़क के दोनों किनारे वाहन लोग लगाने लगे हैं।
इस कारण जिला के तमाम बड़े पदाधिकारियों के कार्यालय जाने में लोंगों को दिक्कत होती है। यही नहीं, यह भी देखने के बाद बुरा लगता है कि सभी पदाधिकारियों के सामने सेंकड़ों की तादाद में गाड़िया खड़ी रहती है।
इस बाबत यातायात डीएसपी बिरजू पासवान ने कहा कि बीच में यह कार्रवाई स्थगित कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि गाड़ी लगाने से पहले ही वहां पुलिस की प्रतिनियुक्ति हो ताकि वहां गाड़ी लगाने से मना किया जाय।
उन्होंने कहा कि यह नो पार्किंग जोन घोषित हो गया है फिर दो चक्का या चार चक्का लगाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पुनः कल से शुरू होगी।
इधर, यातायात प्रभारी नीलमनी से पूछने पर बताया कि साहब के आदेश के अनुसार वह कार्यों को अंजाम देते हैं। इधर, कुछ पुलिस कर्मी बताते हैं कि नो पार्किंग जोन से जब गाड़ी उठाया जाता है तो कई साहबों का भी, तो कई पत्रकारों का भी दबाव उनपर पड़ता है कि आप गाड़ी कैसे उठा लिये। उन्होंने कहा कि जो भी गाड़ी हम उठाते हैं उसपर फाइन जरूर करते हैं। इस कारण उन्हें काफी दिक्कत होती है।
इधर, लहेरियासराय थानाध्यक्ष कुमार कीर्ति से इस मामले में पूछा गया तो उनका स्पष्ट जवाब था कि वह नो पार्किंग जोन है और डीएम साहब के आदेश के आलोक में कार्रवाई हो रही थी। और, यह कार्रवाई जरूरी है।