back to top
10 जुलाई, 2024
spot_img

बिहार में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों का होगा सर्वे, हर जिले में सर्वे करने जुटेंगी 13 विभागें

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला DeshajTimes.Com...आपका चहेता DeshajTimes.Com... इस 20 जुलाई 2025 को हो जाएगा पूरे 7 साल का। 20 जुलाई, 2018 — 20 जुलाई, 2025 ...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित @7 साल । DeshajTimes.Com यह संस्कार है। इसमें हवा की ताकत है। सूरज सी गर्मी। चांद सी खूबसूरती तो चांदनी सी शीतलता भी। यह आग भी है। धधकता शोला भी। तपिश से किसी को झुलसा देने की हिम्मत। झुककर उसकी उपलब्धि पर इतराने की दिलकश अदा भी। आप बनें भागीदार DeshajTimes.Com के 7 साल...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.Com
spot_img
Advertisement
Advertisement
बिहार में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों का अब सर्वे होगा। इनके पुनर्वास के लिए 13 विभाग जुटेगी। सभी की जिम्मेदारी तय हो चुकी है।

 

 

जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्य योजना बनाई गई है। इस सर्वे से सड़क पर रहने वाले बच्चों को कई फायदे मिलने वाले हैं। सबसे पहले तो उन्हें बुनियादी सुविधा मिल जाएगी। सड़क पर अपना जीवन यापन करने वाले बच्चों को भी रहने के लिए घर जैसी सुविधा मिलेगी।

फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे और उनके परिवार के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने पॉलिसी बनायी है। इसके तहत राज्य और केन्द्र की सभी कल्याणकारी योजनाओं से स्ट्रीट चिल्ड्रेन और उनके परिवार को जोड़ा जाएगा।

समेकित बाल संरक्षण कार्यक्रम के तहत इन बच्चों को पुनर्वासित ही नहीं उनके पढ़ने-लिखने का भी इंतजाम होगा। इसके लिए सरकार फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों और उनके परिवारों का सर्वे कराएगी। जिला और प्रखंड स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में सर्वेक्षण टीम का गठन होगा।

सरकार की ओर से राज्य के हर जिले में यह सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस पूरे मामले में सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि हम फुटपाथी बच्चों के पुनर्वास के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे है। इसके लिए समेकित योजना बनायी गयी है और उसपर हमने काम भी शुरु कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार में राज्य सरकार ने बड़ी योजना तैयार की है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण की ओर से योजना तैयार कर ली गई है। इस योजना में उन बच्चों को शामिल किया गया है, जो सड़कों पर बिना किसी सुरक्षा के रहते हैं।

इस योजना में सड़कों पर रहने वाले तीन तरह के बच्चे है। पहले वह है, जो बिना किसी सहायता के सड़क पर अपना जीवन बिताते है। दूसरे वह है, जो दिन पर सड़क पर रहते है और रात में अपने परिवार के साथ रहते है। वहीं, तीसरे वह बच्चे है, जो अपने माता-पिता के साथ सड़कों पर रहते है।

जरूर पढ़ें

Darbhanga नवोदय विद्यालय में छात्र की मौत…Hostel में क्या हुआ उस रात? अब क्या सामने आएगा सच?High Level Investigation Team@Expose

दरभंगा के नवोदय विद्यालय में छात्र की अप्राकृतिक मौत! अब तीन अफसर करेंगे सच्चाई...

हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था…Darbhanga के जाले में शिक्षक के साथ बड़ा धोखा! बेटे-बहू और पत्नी ने मिलकर पीटा,...

जाले में शिक्षक के साथ बड़ा धोखा! बेटे-बहू और पत्नी पर लूटपाट व मारपीट...

Madhubani में 10 साल बाद मिला इंसाफ: प्रेमी से बना पति, फिर खेली खूनी खेल, पत्नी के हत्यारे लोभी पति को 7 साल की...

मधुबनी में 2014 का दहेज हत्या केस निपटा! रमाशंकर महतो को मिली 7 साल...

Darbhanga के Kamtaul में Benipur के पंचायत सचिव अजय ठाकुर ने लगाई फांसी, बरामदे में लटकी मिली ‘संदिग्ध’ लाश

दरभंगा में पंचायत सचिव की संदिग्ध मौत! फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका।घरेलू विवाद या...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें