
यूपी पुलिस ने एक और माफिया अनिल दुजाना का गुरुवार को एनकाउंटर कर मिट्टी में मिला दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। दुजाना पर 62 से ज्यादा केस दर्ज थे।
इनमें से 18 तो करीब मर्डर के थे। इसके अलावा रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट के मामले भी थे। उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की टॉप-65 माफियाओं की हिट लिस्ट में शामिल बदमाश अनिल दुजाना पर कई मामले दर्ज थे।
यूपी एसटीएफ को ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अनिल दुजाना मेरठ के एक गांव में आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए आनेवाला है। इसी खबर पर एसटीएफ ने घेराबंदी की। एसटीएफ की टीम से खुद घिरा देख अनिल दुजाना ने गोलीबारी शुरू कर दी। एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में अनिल दुजाना मारा गया। पढ़िए पूरी खबर
यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को मेरठ में अनिल दुजाना को मार गिराया। उस पर 18 मर्डर समेत 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आतंक का पर्याय माना जाता था।
बताया गया कि मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया था। इस दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस की टीम ने उसे चारों ओर से घेर लिया। इसी बीच पुलिस की गोली लगने से वह ढेर हो गया।
कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना का वेस्ट यूपी में खौफ था। बृहस्पतिवार दोपहर को मेरठ में भोला की झाल पर एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। अनिल दुजाना वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। उस पर लूट डकैती हत्या समेत 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे।
मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने उसे गंगनहर पर लोकेशन मिलने के बाद घेर लिया, अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।
गैंगस्टर सुंदर भाटी पर वह एके-47 से हमले का आरोपी था। ग्रेटर नोएडा के बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था। 70 और 80 के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ था। उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी।
अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना इसी दुजाना गांव का है । पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।