निर्माणाधीन फोरलेन पुल एक बार फिर जमींदोज हो जाने और निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर जाने से फिर यह विवादों में आ गया है।
वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया था। इसके बाद 2016 में अगुवानी सुल्तानगंज गंगा ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था।
इससे पहले जब नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री थे तब यह पुल गिरा था। इस पुल के चालू हो जाने से उत्तर बिहार के कई जिलों की दूरी कम हो जाती।
जानकारी के अनुसार, गंगा नदी के ऊपर बन रहा पुल रविवार को गिर गया। खगड़िया जिले के परबता प्रखंड अन्तर्गत अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का तीन पाया रविवार को नदी में समा गया। खगड़िया की तरफ के निर्माणाधीन पुल के अचानक गिरने से अफरा-तफरी मच गयी।
आज तो पुल गिरा है, इसका एक स्लैब भी एक साल पहले ही टूट गर गिर गया था। खगड़िया के अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर इस पुल का निर्माण हो रहा है। लेकिन पुल निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
इसी का नतीजा है कि आज ये पुल गंगा नदी में गिर गया। पुल के तीन पिलर भी नदी में समा गए। हालांकि सरकार और विभाग इसकी जांच कराने की बात बोल रहा है। पुल गिरने की घटना का स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिया। यह दूसरी बार है जब पुल गिरा है।
खगड़िया के अगवानी से सुल्तानगंज तक करीब तीन किलोमीटर से ज्यादा लंबी इस पुल को एसपी सिंगला कंपनी बना रही है। उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले इस पुल का तीन पाया ध्वस्त हो गया।
जानकारी के मुताबिक, अगुवानी-सुल्तानगंज रोड पर गंगा नदी के ऊपर पुल बनाया जा रहा है। रविवार की शाम करीब 7 बजे अचानक पुल गिर गया। जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त काम बंद हो चुका था।
इस वजह से पुल पर कोई मजदूर नहीं था। जैसे ही पुल ताश के पत्तों की तरह गंगा में गिरा, नदी के पानी की कई फीट ऊंची लहरें उठीं। सड़क किनारे बैठे लोग सहम गए। पुल गिरने की घटना का स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिया। बता दें, यह पुल पिछले साल भी गिर चुका है।
1,711 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगवानी घाट पुल बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था।
यह पुल भ्रष्टाचार की कहानी चीख-चीख कर बयां कर रही है। पुल का स्ट्रक्चर गिरने के दौरान कई लोगों की जान बाल-बाल बच गई है।