मां तो मां होती है। अभी एक दिन पहले ही मदर्स डे मनाया गया। फिर ये खौफनाक कदम – चार मासूमों को सीने से लगाया, खिलाया ज़हर, खुद खाईं…5, 3 और 1 साल की बच्चियों की मौत – 1 बच्चा और मां कोमा में।
औरंगाबाद में मां ने 4 बच्चों को खिलाया जहर, 3 मासूमों की मौत, खुद की हालत भी नाजुक
औरंगाबाद (बिहार) जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। रफीगंज स्टेशन परिसर में एक महिला ने पहले अपने चार मासूम बच्चों को जहर खिला दिया, फिर खुद भी जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस हृदयविदारक हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक बच्चा और महिला की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्लेटफॉर्म पर जहर खाकर दी जीवनलीला समाप्त करने की कोशिश
मिली जानकारी के अनुसार, घटना बीती देर रात की है जब सोनिया देवी नामक महिला अपने चार छोटे बच्चों के साथ रफीगंज रेलवे स्टेशन परिसर में पहुंची। वहां उसने पहले बच्चों को जहर पिलाया, फिर खुद भी जहर का सेवन कर लिया।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचित किया, जिसके बाद सभी को गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया।
तीन मासूमों की मौत, एक बच्चा और मां जिंदगी की जंग में शामिल
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने तीन बच्चों को मृत घोषित कर दिया। इसमें, 5 साल की सूर्यमणि कुमारी, 3 साल की राधा कुमारी, 1 साल की शिवानी जबकि 6 साल का रितेश कुमार और महिला सोनिया देवी की हालत बेहद गंभीर है। दोनों का इलाज औरंगाबाद सदर अस्पताल में चल रहा है।
पारिवारिक विवाद बना घटना का कारण?
प्राथमिक जांच के अनुसार, घटना का कारण महिला का अपने पति से पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मंगलवार रात किसी बात को लेकर पति-पत्नी में तीखी बहस हुई, जिसके बाद महिला ने यह आत्मघाती कदम उठाया।
हालांकि पुलिस अभी मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह कहना जल्दबाज़ी होगा कि घटना का मुख्य कारण क्या रहा। पुलिस का कहना है कि महिला के होश में आने के बाद ही पूरा सच सामने आ पाएगा।
पुलिस कर रही है जांच, स्टेशन क्षेत्र में पसरा मातम
घटना के बाद रफीगंज स्टेशन परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई और सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। पुलिस ने घटनास्थल से आवश्यक साक्ष्य जुटाए हैं और महिला के परिवार और पड़ोसियों से पूछताछ भी शुरू कर दी गई है।
पुलिस का कहना है:
“यह अत्यंत दुखद और गंभीर मामला है। प्रथम दृष्टया पारिवारिक कलह की बात सामने आ रही है, लेकिन हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।”
मानसिक स्वास्थ्य पर उठते सवाल
यह घटना एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समर्थन तंत्र की गंभीरता को उजागर करती है। एक मां का ऐसा कदम उठाना केवल व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक विफलता का भी संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते काउंसलिंग और पारिवारिक हस्तक्षेप जरूरी है।
समाज को झकझोर देने वाली घटना
औरंगाबाद की यह घटना केवल एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है। जहां एक मां को इतना टूटना पड़ा कि उसने अपने ही जिगर के टुकड़ों को जहर देकर मार डाला, वहां समाज, प्रशासन और परिवार तीनों की भूमिका पर सवाल उठते हैं।
इस दर्दनाक हादसे की वास्तविक वजहों का पता पुलिस जांच के बाद ही चलेगा, लेकिन फिलहाल औरंगाबाद के रफीगंज क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है, और पूरा बिहार इस घटना से स्तब्ध है।