
भागलपुर में तीन मार्च की रात हुए भीषण धमाके का मास्टरमाइंड मुहम्मद आजाद ने सोमवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरके रैना की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
जय बाबा केदार..!
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उसके न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की सूचना पर व्यवहार न्यायालय के दोनों प्रवेश द्वार पर सादे लिबास में पुलिसकर्मी चौकसी बरते रहे और आजाद अपने को उनसे बचाते हुए नाटकीय अंदाज में आत्मसमर्पण कर दिया।
न्यायालय ने केस रिकार्ड का अवलोकन करते हुए उसके विरुद्ध हत्या, जानलेवा हमला, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में लगे आरोपों को देखते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इधर न्यायालय में तातारपुर के प्रभारी थानाध्यक्ष सह धमाका कांड के जांच अधिकारी सुनील कुमार झा ने आजाद को रिमांड पर लेने की अर्जी देने की कवायद शुरू कर दी है। उक्त अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होनी है। पुलिस आजाद को कड़ी सुरक्षा घेरे में न्यायिक हिरासत बाद जेल लेते चली गई।
जानकारी के अनुसार, एक तरफ भागलपुर पुलिस और एसआईटी की टीम काजवलीचक में हुए धमाके के नामजद आरोपी मास्टरमाइंड मोहम्मद आजाद की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चला रही थी। वहीं दूसरी ओर आजाद ने सोमवार को भागलपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे 7 आरके रैना के कोर्ट में पुलिसिया व्यवस्था को धता बताते हुए सरेंडर कर दिया। जहां से आजाद को पुलिस अभिरक्षा में भागलपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
जल्द ही रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ
एसएसपी बाबूराम ने बताया कि आजाद को जल्द ही रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जा सके। एसएसपी ने बताया कि पहले ही दिन से एसआईटी के लोग उसके लगे हुए थे।वहीं उन्होंने बताया कि रिमांड पर लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिमांड के लिए आईओ गए हैं। कोर्ट में आवेदन देंगे। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले पर भागलपुर के सीनियर एसपी बाबूराम ने बताया कि पुलिसिया दबाव के कारण मोहम्मद आजाद ने कोर्ट में सरेंडर किया है। पुलिस द्वारा उसे रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। जो भी भागलपुर में हुए बम विस्फोट कांड में शामिल हैं, उसको चिन्हित कर जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

इधर, भागलपुर के काजवालीचक में हुए बम धमाके के बाद एक बार फिर भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। बम धमाके में मारे गए 15 लोगों में गणेश सिंह भी शामिल थे।सोमवार को गणेश सिंह की छोटी बेटी रजनी मलबे से अपने पिता के सामान ढूंढने आयी। मलबे से उसे पिता का चप्पल और चश्मा मिला। जिसे देख उसकी आंख से आंसू निकलने लगे।
रजनी ने बताया कि वह दिल्ली में रहकर पढ़ाई करती थी। एक साल से पापा से मिल नहीं पाई थी और न ही उनका चेहरा देख सकी थी। घटना के बाद एक सहेली ने फोन कर जानकारी दी। पता चला पापा नहीं रहे। पापा ने कहा था होली में आ जाओ फिर चली जाना। घटना के दिन उससे पहले मेरी एक बहन आयी थी। पापा जहां सोते थे वहां दीदी को सुला दिया।
बेटी ने कहा कि पापा बाहर वाले रूम में सो गए। अब पापा नहीं रहे। घटना में उसकी मौसी की भी मौत हो गयी है। रजनी ने बताया कि पटाखे का कारोबार करने वाले पड़ोसी महेंद्र मण्डल से उनका कोई सम्पर्क नहीं था। उल्लेखनीय है कि तातारपुर थाना क्षेत्र के काजवलीचक में हुए धमाके की जांच एटीएस, एफएसएल और एसआईटी कर रही है। फिलहाल अभी तक कुछ फलाफल सामने नहीं आया है।