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17 फ़रवरी, 2024
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स्वर्ण व्यवसायी पुत्र के अपहरण और हत्या का बड़ा खुलासा, नाबालिग निकला मास्टरमाइंड, लव अफेयर, फिर 20 लाख की फिरौती में पहले आंख फोड़ी, पीट-पीटकर मार डाला, 4 गिरफ्तार, लव एंगल में खून

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बेतिया जिले के स्वर्ण व्यवसायी नगनारायण साह के बेटे और 9वीं क्लास के छात्र आशीष कुमार की निर्मम हत्या के बाद बड़ा खुलासा पुलिस ने किया है। चार हत्यारों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने सारे राज उगलवा लिए हैं।

इन हत्यारों में एक नाबालिग है जो आशीष के स्कूल का ही छात्र है। साथ ही नाबालिग पूरी घटना का मास्टरमाइंड भी निकला।

कुमारबाग ओपी अंतर्गत रानीपुर रामपुरवा गांव के स्वर्ण व्यवसायी नगनारायण साह के चौदह वर्षीय पुत्र आशीष कुमार की हत्या में पुलिस ने चार मोबाइल और सिम बरामद किए हैं। छात्र के पिता से फिरौती मांगने के लिए इन मोबाइलों का ही इस्तेमाल किया जा रहा था। ग्यारह अक्टूबर को आशीष कुमार का अपहरण हुआ था। उसी दिन उसकी हत्या कर दी गई थी।

क्योंकि लड़का अपराधियों को पहचानता था। तीन अपराधी रौशन, राजबली और रामू चौधरी के साथ उसके साथी ने घटना को अंजाम दिया। तीनों अपराधी कुमारबाग थाना क्षेत्र कुड़िया मठिया के रहने वाले हैं। हत्या करने के बाद अपराधियों ने फिरौती की रकम मांगी थी।

क्या है मामला: पूरा मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा है। बुधवार को लड़की का नाबालिग भाई, जो आशीष के ही स्कूल में पढ़ता है, अपने दोस्तों के साथ उसे स्कूल से ले गया था। उसके बाद सुनसान जगह पर ले जाकर छात्र के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं।

पहले उसकी आंखें निकाली गई और फिर पीट-पीटकर उसे मौत से घाट उतार दिया गया। उसके बाद हत्यारों ने हाथ-पैर बांधकर शव को गांव के पास एक तालाब में फेंक दिया।

बेतिया एसपी अमरकेश डी ने बताया, चार अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है। चारों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चारों अपराधियों में एक छात्र का साथी था। तीन अपराधी थे। कुमारबाग थाना क्षेत्र के कुड़िया मठिया के रहने वाले तीन लड़के रौशन कुमार, राजबली और रामू चौधरी के साथ मिलकर नाबालिग ने ही एक महीने पहले हत्या की साजिश रची थी।

तीनों लड़कों रौशन कुमार, राजबली और रामु चौधरी ने एक प्लान तैयार किया और आशीष को किसी तरह स्कूल से बाहर लाने के लिए तैयार करवाया। घटना को अंजाम देने के लिए एक महीने पूर्व से अपराधी योजना बना रहे थे।

बुधवार को जिस दिन छात्र का अपहरण किया गया था, उसी दिन आशीष की हत्या कर दी गई थी। अपराधियों को डर था कि अगर छात्र को जिंदा छोड़ दिया तो वह सभी की पहचान कर सकता है। इसलिए किडनैपिंग के बाद उसकी क्रूरता के साथ हत्या कर दी गई थी।

आशीष की हत्या निर्मम तरीके से की गई। पूछताछ में हमें पता चला कि छात्र दोपहर 12 बजे के करीब क्लासेस बंक करके स्कूल की दीवार फांदकर किसी के साथ गया था। उसके बाद कुछ टेक्निकल एनालिसिस किया गया और कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।

चारों में से एक लड़का उसी छात्र के साथ उसी स्कूल में पढ़ता था और उसका सीनियर था। पूछताछ में पता चला कि 11 तारीख को ही दोपहर तीन बजे के आस-पास उसकी हत्या कर दी गई थी। छात्र और इन चारों की जान पहचान थी। इसलिए डर के कारण चारों ने मिलकर छात्र को उसी दिन मार दिया था।

आशीष को स्कूल से बाहर लाने का काम उसी के स्कूल में पढ़ने वाले नाबालिग ने किया था। क्योंकि उसी लड़के के बहन से आशीष का अफेयर चल रहा था लेकिन आशीष को तनिक भी इस बात की भनक नहीं लगी कि उसके साथ स्कूल के बाहर जाने के बाद क्या होने वाला है।

आशीष ने स्कूल में ही अपना बैग और साइकिल छोड़ दिया और स्कूल की पीछे की चारदीवारी फांदकर स्कूल से बाहर निकल गया। छात्र की हत्या के बाद उसके पिता से फोन कर बीस लाख की रंगदारी मांगी गई थी।

घटना के पीछे का कारण लव अफेयर और फिरौती है। लड़की के भाई ने तीन अपराधियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। लड़की का भाई छात्र को मारना चाहता था। तीनों अपराधी फिरौती में मोटी रकम वसूलना चाहते थे। तीनों अपराधी फिरौती और अपहरण के लिए एक महीने से योजना बना रहे थे।

 

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