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2 दिसम्बर, 2025

बिहार विधानसभा: 18वें सत्र के दूसरे दिन सियासी सरगर्मी तेज, अध्यक्ष चुनाव पर नजरें

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पटना समाचार: बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र अपने शुरुआती दौर में ही गरमा गया है। आज सत्र का दूसरा दिन है और सियासी गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या सदन को आज उसका नया ‘अभिभावक’ मिल पाएगा? विधायकों के शपथ ग्रहण से लेकर अध्यक्ष के चुनाव तक, कई अहम पड़ाव आज सदन के भीतर देखने को मिलेंगे, जिस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं।

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शपथ ग्रहण का सिलसिला जारी

18वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र का आज दूसरा दिन है। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से फिर से शुरू हुई। सोमवार को नव-निर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण का सिलसिला शुरू हुआ था, जो आज भी जारी है। प्रोटेम स्पीकर द्वारा सदन के शेष सदस्यों को शपथ दिलाई जा रही है। यह प्रक्रिया विधानसभा के नियमों और परंपराओं के अनुसार संपन्न की जा रही है, जहां प्रत्येक विधायक संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्यों का संकल्प लेते हैं।

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अध्यक्ष पद के लिए गहमागहमी

सत्र के दूसरे दिन का सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव माना जा रहा है। आमतौर पर, नए सदन के गठन के बाद अध्यक्ष का चुनाव एक अहम संवैधानिक प्रक्रिया होती है। विभिन्न राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों में गहमागहमी साफ देखी जा सकती है। अध्यक्ष का चुनाव सदन के सुचारू संचालन और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

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सदन की मर्यादा और चुनौतियां

पहले सत्र के शुरुआती दिनों में ही सदन में होने वाली चर्चाएं और गतिरोध नए राजनीतिक समीकरणों का संकेत देते हैं। एक मजबूत विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सदन के भीतर सार्थक बहस और जनहित के मुद्दों पर संवाद की अपेक्षा की जाती है। प्रोटेम स्पीकर की भूमिका अध्यक्ष के चुनाव तक सदन की कार्यवाही को निर्बाध रूप से चलाना है, लेकिन नए सदस्यों के उत्साह और अनुभवी नेताओं की रणनीतियों के बीच कई बार सदन में गर्मागर्मी भी देखने को मिल सकती है।

आगे क्या?

अध्यक्ष के चुनाव के बाद सदन की आगे की कार्यवाही अध्यक्ष के मार्गदर्शन में चलेगी। आने वाले दिनों में राज्यपाल का अभिभाषण और उस पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जैसे महत्वपूर्ण एजेंडे पर विचार किया जाएगा। यह सत्र न केवल नए सदस्यों के लिए एक सीखने का मंच है, बल्कि प्रदेश की जनता के लिए भी यह जानने का अवसर है कि उनकी चुनी हुई सरकार और विपक्ष किस दिशा में काम करेंगे।

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