आरा के बहुचर्चित कोर्ट बम ब्लास्ट कांड के मुख्य अभियुक्त कुख्यात लंबू शर्मा की फांसी की सजा बरकरार रही। हाईकोर्ट के आदेश के बाद दुबारा सुनवाई में आरा की अदालत ने उसकी सजा बहाल रखी है। एडीजे-8 वीरेंद्र चौबे की अदालत की ओर से बुधवार को सजा का एलान किया गया। मामला 23 जनवरी 2015 का है जब कोर्ट में हुए बम ब्लास्ट मामले में अदालत ने मुख्य दोषी लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई थी।
जानकारी के अनुसार,मामला 23 जनवरी 2015 से जुड़ा है। उस समय आरा कोर्ट बम धमाका से थर्रा गया था। घटना के बाद से हड़कंप मच गयी थी। छानबीन में खुलास हुआ था कि यूपी की रहने वाली एक महिला नगीना देवी के बैग में रखा बम फट गया था।
बम फटने से नगिना चिथड़े चिथड़े हो गई थी। इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे, जिसमें एक सिपाही अमित कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिस दिन यह घटना हुई थी, उसी दिन लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय को पेशी के लिए कोर्ट में लाया गया था।
इसी दौरान साजिश के तहत कोर्ट में बम धमका किया गया था। लंबू शर्मा ने जेल से ही बम धमका का प्लान बनाया था. उसने इसके लिए नगीना देवी से सौदा तय किया था। जिस समय लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय को पेशी के लिए लाया गया था, उसी समय नगीना भी बैग में बम लेकर आ गई थी।
ज्यों ही लंबू कोर्ट पहुंचा, बम धमका हो गया, धमाका का फायदा उठाकर दोनों फरार हो गया था। घटना के बाद लंबू शर्मी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कुछ दिन बाद अखिलेश भी पकड़ा गया था।
जानकारी के अनुसार, आरा की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आरा कोर्ट में हुए बम ब्लास्ट के मामले में अदालत ने दोषी कुख्यात लंबू शर्मा को फिर से फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी लंबू शर्मा को पहले ही दोषी करार किया था।
इससे पहले भी आरा की कोर्ट ने लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन पटना हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए केस को फिर से निचली अदालत में भेज दिया था। अब आरा की निचली अदालत ने दोषी लंबू शर्मा को फिर से फांसी की सजा सुनाई है।
जेल में बंद लंबू शर्मा ने धमाके की साजिश रची। उसके कहने पर नगीना देवी बम लेकर कोर्ट पहुंची और धमाका किया। धमाका होने पर मची अफरा-तफरी का फायदा उठाते हुए लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय फरार हो गए थे। लंबू शर्मा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। बाद में अखिलेश उपाध्याय भी गिरफ्तार हो गया था।
कोर्ट परिसर में उत्तर प्रदेश की एक महिला नगीना देवी के बैग में बम विस्फोट किया गया था। इस विस्फोट में नगीना देवी के चिथड़े उड़ गए थे जबकि धमाके में घालय हुए सिपाही अमित कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बम ब्लास्ट के दौरान लंबू शर्मा औरअखिलेश उपाध्याय को पुलिसपेशी के लिए कोर्ट में लेकर आई थी।
जेल में बंद लंबू शर्मा ने आरा कोर्ट में धमाके की साजिश रची थी। उसके कहने पर ही नगीना देवी बैग में बम लेकर कोर्ट पहुंची थी और धमाका किया था।धमाका इतना जबरदस्त था कि कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी और इसी का फायदा उठाते हुए लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय फरार हो गए थे। लंबू शर्मा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। बाद में अखिलेश उपाध्याय भी गिरफ्तार हो गया था।
कोर्ट ने सात अन्य दोषियों नईम मियां, अखिलेश उपाध्याय, अंशू कुमार, श्याम विनय वर्मा, चांद मियां, प्रमोद सिंह और रिंकू यादव को आजीवन कारावास की सजा दी है। कोर्ट ने सभी पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
इस मामले में 17 अगस्त को कोर्ट ने 8 आरोपियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने पूर्व विधायक सुनील पांडेय, संजय सोनार एवं विजय शर्मा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। मामले में दोषी करार दिए गए सात आरोपी 17 अगस्त को कोर्ट में पेश हुए थे। चांद मियां के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, जिसके बाद चांद मियां ने सोमवार को सरेंडर किया था।
करीब चार साल पहले 20 अगस्त, 2019 को आरा कोर्ट ने बम ब्लास्ट मामले में मुख्य दोषी लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट नेसात अन्य दोषियों नईम मियां, अखिलेश उपाध्याय, अंशू कुमार, श्याम विनय वर्मा, चांद मियां, प्रमोद सिंह और रिंकू यादव को आजीवन कारावास की सजा दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भीलगाया था। इस मामले में कोर्ट ने पूर्व विधायक सुनील पांडेय, संजय सोनार और विजय शर्मा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
तब पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत को केस वापस करते हुए दोबारा सजा सुनाने का निर्देश दिया था। आरा कोर्ट ने लंबू शर्मा की फांसी की सजा बरकरार रखी है। उसे अररिया कोर्ट से आरा लाया जा रहा है। आरा सिविल कोर्ट 8 के न्यायाधीश वीरेंद्र चौबे ने बुधवार को कुख्यात लंबू शर्मा को फिर से फांसी की सजा सुनाई।