

प्रभाष रंजन | Darbhanga में ₹72 लाख का महाफ्रॉड! व्हाट्सएप पर महिला ने फंसाया, Stock Market में निवेश के नाम पर ठग – पुलिस ने ₹18 लाख किए फ्रीज…कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लालच में एक व्यक्ति साइबर ठगों के जाल में फंस गया। ठगों ने शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर 72 लाख 10 हजार रुपये की ठगी कर ली।
यह मामला लहेरियासराय थाना क्षेत्र के बलभद्रपुर निवासी पंकज कुमार पराशर से जुड़ा है, जिन्होंने साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 18 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया है।
व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ ठगी का खेल
थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 17 अक्टूबर को “नुवाम इन्वेस्टमेंट सर्किल” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में पंकज को जोड़ा गया। ग्रुप में मौजूद आरोही नाम्बुन्दी नाम की महिला ने उनसे संपर्क किया और निवेश के बदले अधिक मुनाफे का लालच दिया।
इसके बाद महिला ने कंपनी के कथित मालिक शिव सेहगल से बात करवाकर एक फॉर्म भरवाया और निवेश का प्लान भेजा।
फर्जी स्क्रीनशॉट भेजकर बढ़ाया भरोसा
पंकज पराशर ने बताया कि वे पहली बार ट्रेडिंग में निवेश कर रहे थे। ठगों ने उन्हें झांसे में लेकर कहा कि
“कंपनी की टीम आपका पूरा सहयोग करेगी।”
विश्वास में आकर उन्होंने 22 से 31 अक्टूबर तक अपनी पत्नी के खाते से 72 लाख 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने फर्जी स्क्रीनशॉट भेजकर शेयर की खरीद-बिक्री का झांसा दिया और मुनाफे के रूप में 1 करोड़ 2 लाख रुपये दिखाए।
एक और झांसा — पैसे वापसी के लिए मांगे दो करोड़
जब पंकज ने अपने पैसे वापस लेने की बात की, तो ठगों ने कहा कि
“आपकी राशि तभी रिलीज होगी जब आप और 1.75 करोड़ रुपये जमा करेंगे।”
इस पर पीड़ित को शक हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी बिपिन बिहारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और अनुसंधान जारी है।
उन्होंने कहा —
“अब तक 18 लाख रुपये फ्रीज कर लिए गए हैं। ठगों की पहचान और लोकेशन का पता लगाया जा रहा है।”
सावधानी जरूरी
पुलिस ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि
किसी भी अनजान व्हाट्सएप ग्रुप या वेबसाइट पर निवेश न करें।
शेयर मार्केट या ट्रेडिंग ऐप में पैसे लगाने से पहले कंपनी की वैधता की जांच करें।
किसी अनजान व्यक्ति या ऑनलाइन एजेंट के झांसे में न आएं।
साइबर थाने ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन नंबर) पर दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।








