केवटी, दरभंगा। जिले के गठुली गांव में औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मनीष मेडिकल हॉल पर छापेमारी की।
सहायक औषधि नियंत्रक वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में 108 प्रकार की दवाएं तथा प्रतिबंधित नशीली दवाएं जब्त की गईं।
औषधि नियंत्रण विभाग की बड़ी कार्रवाई
औषधि नियंत्रण विभाग (Drug Control Department) की टीम ने अवैध रूप से संचालित दवा दुकान के खिलाफ सख्त कदम उठाया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि दवा दुकान का लाइसेंस जिस स्थान के लिए निर्गत था, वहां दुकान संचालित नहीं की जा रही थी।
इसके बजाय, दुकान को दूसरे स्थान पर अवैध रूप से चलाया जा रहा था, जो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 (Drugs and Cosmetics Act, 1940) का स्पष्ट उल्लंघन है।
प्रतिबंधित नशे की दवाएं जब्त
निरीक्षण के दौरान टीम ने चार प्रकार की प्रतिबंधित नशीली दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। वहीं, दो प्रकार की नशीली दवाओं में से एक में 495 टैबलेट और दूसरी में 232 टैबलेट जब्त की गई हैं।
इन दवाओं के दुरुपयोग की आशंका के चलते ड्रग्स इंस्पेक्टरों ने तुरंत कार्रवाई की। यह कार्रवाई नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बिना लाइसेंस के संचालित हो रही थी दुकान
औषधि निरीक्षण दल ने यह भी पाया कि मनीष मेडिकल हॉल का लाइसेंस जिस स्थान पर निर्गत था, वहां दुकान नहीं थी।
दवा दुकान को दूसरे स्थान पर बिना वैध लाइसेंस के चलाया जा रहा था, जो अवैध परिचालन (Illegal Operation) की श्रेणी में आता है। इस पर विभाग ने अदालत में अभियोजन दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
टीम में शामिल अधिकारी
इस छापेमारी दल में ड्रग निरीक्षक संदीप साह, राजेश कुशवाहा, नीतूवाला, अर्चना कुमारी और सुनीता प्रसाद शामिल थे। सभी अधिकारियों ने सहायक औषधि नियंत्रक वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में अभियान को अंजाम दिया।
FIR दर्ज, दुकान मालिक हिरासत में
छापेमारी के बाद केवटी थाना पुलिस ने दुकान मालिक मनीष कुमार, निवासी मलिया टोला गांव, के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
एफआईआर बिहार पुलिस के तहत दर्ज की गई है, जिसमें प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री और बिना लाइसेंस दुकान संचालन के आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस ने मनीष कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और उसे शुक्रवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
सहायक औषधि नियंत्रक वीरेंद्र कुमार ने कहा —
स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिले में किसी भी दवा दुकान को बिना लाइसेंस या गलत पते से संचालित नहीं करने दिया जाएगा।
सहायक औषधि नियंत्रक वीरेंद्र कुमार ने कहा —
“दवा दुकान संचालक यदि निर्धारित नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि सभी दवा विक्रेताओं की नियमित जांच की जाएगी, ताकि अवैध और नशीली दवाओं की बिक्री पर पूर्ण रोक लगाई जा सके।
क्यों जरूरी है औषधि नियंत्रण की निगरानी?
भारत में नशीली दवाओं (Narcotic Drugs) की बिक्री और वितरण को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) (आधिकारिक साइट) के तहत नियंत्रित किया जाता है।
ड्रग कंट्रोल विभाग समय-समय पर ऐसी दुकानों की औचक जांच करता है, ताकि स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके।
जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक
केवटी में हुई यह कार्रवाई प्रशासन के लिए एक चेतावनीपूर्ण उदाहरण है कि नियमों से समझौता करने वालों पर अब सख्ती से कार्रवाई होगी।
यह कदम न केवल अवैध दवा व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में है, बल्कि जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।