Darbhanga News: शिक्षा की बगिया को सींचने वाले एक शिक्षक जब सेवा निवृत होते हैं, तो वह क्षण भावुक कर देने वाला होता है। गुरुवार को बिरौल के मध्य विद्यालय पोखराम उत्तरी में ऐसा ही एक अवसर आया, जब शिक्षक श्री राम बाबू चौधरी को भावभीनी विदाई दी गई। यह विदाई समारोह न केवल एक शिक्षक के सम्मान में था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का भी एक प्रयास था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सेवानिवृत्त शिक्षक राम बाबू चौधरी का सम्मान
कार्यक्रम की शुरुआत माँ कमला माता के स्मरण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसने वातावरण को पवित्रता और ऊर्जा से भर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्री कुंदन कुमार थे, जबकि अवधेश चौधरी, अरुण बाबू, श्री राम चौधरी, संजय चौधरी, कन्हैया चौधरी, रमन जी, लेखापाल सूरज कुमार और प्रिंस कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक नरेश कुमार दास ने सभी अतिथियों को पाग, शॉल और माला पहनाकर सम्मानित किया, जो उनके प्रति विद्यालय के सम्मान का प्रतीक था। इस अवसर पर पूर्व शिक्षकगण, विद्यालय परिवार और स्थानीय ग्रामीणों की भारी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। स्वागत-गीत, अतिथि सम्मान और प्रेरणादायी उद्बोधनों के बीच श्री राम बाबू चौधरी के सेवाकाल और विद्यालय के प्रति उनके अमूल्य योगदान को याद किया गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
इस गरिमामय समारोह में केवल सम्मान और विदाई का ही भाव नहीं था, बल्कि भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी छिपा था। विद्यालय परिसर में दो अशोक के पौधों का वृक्षारोपण किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति विद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम छात्रों और उपस्थित सभी लोगों को प्रकृति के महत्व और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी की याद दिलाता है। यह एक सकारात्मक कदम है जो आने वाले वर्षों में विद्यालय परिसर को हरा-भरा बनाने में मदद करेगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हुए शामिल
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक केशव कुमार चौधरी ने बड़ी कुशलता से किया। उन्होंने पूरे कार्यक्रम को एक सूत्र में पिरोया और सभी वक्ताओं के विचारों को सहजता से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं, जिनमें गूंजेश्वर ठाकुर, सूरज कुमार, अविनाश कुमार, अन्नपूर्णा, खुशबु, बिंदिया, कंचन प्रमुख थीं, सभी छात्र-छात्राएं और रसोईया गण भी उपस्थित रहे। यह सामूहिक उपस्थिति श्री राम बाबू चौधरी के प्रति सभी के स्नेह और सम्मान को दर्शाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह विदाई समारोह न केवल श्री राम बाबू चौधरी के लिए एक यादगार पल था, बल्कि यह विद्यालय के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर था जिसने शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभाई।
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