
दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। बार-बार कोरोना के मरीज होने का दावा करने वाले समाचार चैनल, पोर्टल सावधान हो जाएं। सनसनी के चक्कर में आप क्या परोस रहे हैं और उसका क्या प्रभाव सामाजिक परिवेश में होगा इसका तनिक भी ख्याल नहीं रखने वाले पत्रकारों के लिए यह बात जरूर समझना चाहिए, कोरोना को लेकर दहशत का माहौल ना बनाएं। फिलहाल, घबराने की कतई जरूरत नहीं है। बस एहतिहात बरतने, सावधानी बरतने की जरूरत है। कारण, जिला प्रशासन खासकर डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने ऐसे अफवाहों को गंभीरता से लिया। जिला प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है,कुछ इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में यह समाचार चलाया जा रहा है, कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीज डीएमसीएच से फरार हो गए हैं।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के संज्ञान में यह मामला आते ही अधीक्षक डीएमसीएच व अन्य अधिकारियों के साथ पूरे मामले की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया, फरार मरीजों में एक अररिया जिला की लगभग सात साल की बच्ची थी। बच्ची की चिकित्सा के लिए डीएमसीएच में भर्ती करने के बाद उसके परिजन के लिखित अनुरोध पर उसे आइजीआईएमएस, पटना भेजा गया है। वह बच्ची फरार नहीं हुई है। उसका संपूर्ण ब्यौरा, घर का पता, मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी जिला प्रशासन अररिया से भी शेयर किया गया है। उक्त मरीज की लगातार ट्रेसिंग की जा रहीं है।
वहीं दूसरा मरीज दरभंगा के भीगो गांव का रहने वाला बताया गया है। इन्हें दौरा आने की शिकायत थी। इसलिए, वे दौरा का इलाज कराने के लिए डीएमसीएच आए थे. लेकिन जब उन्हें ट्राली से ले जाया जा रहा था तो वे अचानक उठकर भाग गए। अस्पताल में उनका घर का पता, मोबाइल नंबर मौजूद है। इन्हें ढूंढने इनके घर पर पुलिस भेजी गई तो वह घर पर ही मिला। यह मछली मारने का काम करते हैं। इनकी उम्र लगभग 35 साल है। इनके विदेश (कतर ) से लौटने का कोई इतिहास नहीं है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस की जांच की जरूरत तभी होती है जब कोरोना वायरस से संक्रमण के संदर्भ में निर्धारित मापदंड (protocol) के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी ज्ञात कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आया था, अथवा खुद कोरोना वायरस के लक्षण के साथ विदेश से लौटा है।
उक्त दोनों ही परिश्थितियों में ऐसे मरीजों की कोरोना वायरस की जांच करनी है। सभी सर्दी, खांसी, बुखार आदि से पीड़ित मरीजों की कोरोना की जाच करने की जरूरत नहीं है। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने लोंगो से अफवाहों से बचने की पुनः अपील करते कहा है, जिला प्रशासन की ओर से पूरी स्थिति पर नज़र रखी जा रहीं है।
इधर, डीएम के निर्देश पर सभी अनुमंडल पदाधिकारियों की ओर से लगातार विभिन्न दवा प्रतिष्ठानों में छापेमारी की जा रही है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता की ओर से थाना प्रभारी, लहेरियासराय व थाना प्रभारी, बेंता व औषधि निरीक्षकों के सहयोग से हॉस्पिटल रोड अवस्थित दवा दुकानों में धावा बोला गया। इसमें केडिया साइंटिफिक व सर्जिकल, मां भवानी सर्जिकल व मेडिकल, मां श्यामा सर्जिकल एवं ड्रग एजेंसी आदि के नाम शामिल है।
सदर एसडीओ अपनर टीम के साथ इन दुकानों में दवा के स्टॉक की जांच कराई। उन्होंने बताया, केडिया साइंटिफिक व सर्जिकल के स्टॉक में सैनिटाइजर एवं क्लिनिकल मास्क पर्याप्त मात्रा में पाया गया, लेकिन मास्क नंबर 95 नहीं उपलब्ध था। मां भवानी सर्जिकल व मां श्यामा सर्जिकल के स्टॉक में सैनिटाइजर व मास्क नहीं पाया गया।
एसडीओ ने दवा दुकानदारों को उक्त सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। कोरोना वायरस के सक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सैनिटाइजर व मास्क की मांग बढ़ी गई है। लेकिन निहित स्वार्थवश कतिपय दवा स्टॉकिस्टों की ओर से माल की कमी बताकर इसे काला बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। जिला प्रशासन इसको लेकर सख्त है।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया है, काला बाजारी करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाएगा। कालाबाजारी करते पकड़े जाने पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। डीएम डॉ. एसएम ने बताया है, कोरोना वायरस के व्यापक प्रकोप के मद्देनज़र सैनीटाइज़र व मास्क को एसेंशियल कमोडिटी में शामिल कर लिया गया है। इन पदार्थो की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई होगी।
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