आंचल कुमारी, कमतौल (दरभंगा)। …और जब तपोमूर्ति अहल्या प्रकट हो गई…”जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई” पढ़िए अहल्यास्थान में प्रभु श्रीराम का प्राकट्योत्सव वाली धूम। अहल्यास्थान में राम जन्मोत्सव पर जयकारे, नगाड़े और जयघोष…
आराध्य का दर्शन व पूजन
रामनवमी (Ram Navami 2025) के अवसर पर अहल्यास्थान स्थित रामजानकी मंदिर, सिया पिया निवास, गौतमाश्रम समेत क्षेत्र के अन्य मंदिरों में भव्य तरीके से प्रभु श्रीराम का प्राकट्योत्सव मनाया गया। दिन के ठीक बारह बजे “भय प्रगट कृपाला दीन दयाला” की गूंज के साथ मंदिरों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
श्रद्धालुओं ने ‘जय जय सियाराम’, ‘जय श्रीराम’ का जयघोष करते हुए अपने आराध्य का दर्शन व पूजन किया।
रामनवमी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
अहल्यास्थान स्थित रामजानकी मंदिर के पुजारी दुखमोचन ठाकुर, न्यास समिति के अध्यक्ष बालेश्वर ठाकुर तथा सदस्य उमेश ठाकुर ने बताया कि वैसे तो साल भर श्रद्धालु दर्शन करते हैं, लेकिन रामनवमी के दिन श्रद्धा और भक्ति का अनूठा माहौल बन जाता है। इस दिन आसपास के क्षेत्रों के साथ दूरदराज से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं।
हनुमानजी की पूजा और ध्वजारोहण से गूंज उठा इलाका
रामनवमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान राम के परम भक्त हनुमानजी की भी विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिरों, आवासीय परिसरों और ठाकुरबारियों में हरे बांस में हनुमान पताका लगाकर मंत्रोच्चार के बीच ध्वजारोहण किया गया।
अखंड रामायण पाठ और संकीर्तन से भक्तिमय वातावरण
जगह-जगह अखंड रामायण पाठ, संकीर्तन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन से पूरा क्षेत्र भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगा नजर आया।
आचार्य श्याम शास्त्री ने बताया
आचार्य श्याम शास्त्री ने बताया कि रामभक्त हनुमान के नाम पर झंडा लगाने की प्राचीन परंपरा है। ध्वज की छत्रछाया से पर्यावरण की शुद्धि होती है और यश, कीर्ति, विजय तथा पराक्रम दूर-दूर तक फैलता है।