Darbhanga News| भट्ठी में सुलगी शहनाईं| दब गई खुशियों की उल्लास। मच गई अफरातफरी। भाई की शादी में पहुंची दो बहनों के पांच नौनिहाल अपने मामा की शादी में आए खुशियों को सजाने। मगर, बंटोर की ताउम्र के लिए दर्द। जहां, 5 नौनिहाल छोटे-छोटे भांजे गैस की भट्ठी में झुलसकर डीएमसीएच में भर्ती हैं। सभी बच्चे…मामा की शादी में शामिल होने आए थे। मगर, गैस भट्ठी ने इनकी जिंदगी में फफुले फोड़ दिए…
Darbhanga News| हायाघाट के रमौली में शादी समारोह को लगी भट्ठी की बुरी नजर
जानकारी के अनुसार, जिले के हायाघाट थाना क्षेत्र के रमौली गांव में शादी समारोह जल रहे भट्ठी से उठी चिंगारी से पांच बच्चे झुलस गए है। घायल बच्चों को इलाज के लिए डीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। डीएमसीएच में बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि 15 से 20 प्रतिशत बच्चे बर्न हुए है।
Darbhanga News| दूल्हे निर्मल कुमार की दोनों बहनों के पांच बच्चे झुलस गए, सीसीडब्ल्यू में लड़ रहे जिंदगी से
जानकारी के अनुसार भंगी रमौली गांव में अपने मामा की शादी समारोह शामिल होने बच्चों के झुलस जाने शादी का माहौल गमगीन हो गया है। घायल बच्चों में दूल्हे निर्मल कुमार की दोनों बहनों के पांच बच्चे झुलस गये। फिलहाल इन बच्चों का इलाज डीएमसीएच के सीसीडब्ल्यू में चल रहा है
Darbhanga News| समारोह में गैस की भट्ठी पर खाना बन रहा था…कमतौल से पहुंची बहना के लाडले
बताया जाता है कि भंगी रमौली में राम शंकर यादव के पुत्र निर्मल कुमार की शादी थी। शादी समारोह में श्री यादव की आई दो बहनें अपने बच्चों के साथ कमतौल थाना क्षेत्र के बगला खिरमा गांव से शरीक हुई थीं। समारोह में गैस की भट्ठी पर खाना बन रहा था। इसी दौरान गैस लीक करने की वजह से अचानक चूल्हे से आग के शोले उठने लगे।
Darbhanga News| बच्चों को 15 से 20 फीसद बर्न
बगल में खेल रहीं संतोषी कुमारी (10), अभिषेक कुमार (06), ज्योति कुमारी (08), संपत कुमार (04) और नंदिनी कुमारी (10) झुलस गए। नंदिनी का इलाज स्थानीय स्तर पर कराया गया जबकि चार अन्य का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है। यह जानकारी बच्चों की नानी पुनीता देवी ने डीएमसीएच में दी। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चों को 15 से 20 प्रतिशत बर्न है। बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
Darbhanga News| अब डीएमसीएच की लाचारी देखिए, पांच बेड, चार पर पहले से मरीज…रोते बच्चे
डीएमसीएच इमरजेंसी के सर्जरी परीक्षण कक्ष में आग से झुलसे मासूम बच्चों की मलहम-पट्टी कर ड्रेसिंग की गई। इस दौरान सभी बच्चे जोर-जोर से रोते रहे। इसके बाद सभी को इमरजेंसी विभाग के सीसीडब्ल्यू (सेंट्रल कैजुअल्टी वार्ड ) के कक्ष नंबर एक में शिफ्ट कर दिया गया। इस कक्ष में कुल पांच बेड लगे थे। इसमें से चार बेड पर इमरजेंसी के अन्य मरीजों का इलाज चल रहा था।
Darbhanga News| तीन बच्चों को एक बेड नसीब हुआ
इसलिए, तीन बच्चों को एक बेड नसीब हुआ। जबकि एक मासूम कई घंटे तक अपने स्वजन की गोद में ही रोता रहा। कमरे में लगे दो पंखों की धीमी गति के कारण मरीजों एवं स्वजन को गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी। बताया जाता है कि इस उमस पड़े वातावरण में झुलसे मासूम बिलखने लगे। जिसके बाद स्वजन हाथ पंखा खरीद कर लाए और झलने लगे तो मासूमों को राहत मिली।
Darbhanga News| यहां न तो बर्न विभाग है और ना ही विशेषज्ञ चिकित्सक
जानकारी के अनुसार, डीएमसीएच में आग से जले मरीजों के उपचार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। यहां न तो बर्न विभाग है और ना ही विशेषज्ञ चिकित्सक। इसके अभाव में आग से झुलसे मरीजों का इलाज सर्जरी विभाग में अन्य मरीजों के साथ किया जाता है। जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि आग से झुलसे मरीजों को सबसे अधिक खतरा संक्रमण से होता है। इसलिए ऐसे मरीजों के इलाज की व्यवस्था एयर कंडीशनर माहौल में किया जाता है।