back to top
25 दिसम्बर, 2024
spot_img

Darbhanga के कुशेश्वरस्थान में लगातार सवाल? क्यूं और कौन जिम्मेदार? यह तो हक़ की बात है..

spot_img
spot_img
spot_img

कुशेश्वरस्थान पूर्वी।
भोलुका पोखर स्थित श्मशान घाट पर खेल मैदान और पंचायत सरकार भवन के निर्माण का मामला विवाद का विषय बन गया है। मंगलवार को आसपास के गांवों की सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने श्मशान घाट पर धरना देकर जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने इस निर्माण के लिए जारी एनओसी (No Objection Certificate) को रद्द करने की मांग की।

श्मशान घाट की पवित्रता का मुद्दा

  • ग्रामीणों का कहना:
    • भोलुका पोखर के चारों ओर बसे भरडीहा, खलासीन, भोलका, धरमपुर, गुलरिया, तरबन्ना सहित कई गांवों के लोग वर्षों से इस स्थल पर अपने मृतकों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं।
    • ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मुखिया ने सीओ (Circle Officer) को गुमराह कर खेल मैदान और पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए एनओसी हासिल की है।
  • सरकारी जमीन का सुझाव:
    ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में अन्य स्थानों पर पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है, जहां निर्माण कार्य किया जा सकता है। लेकिन श्मशान घाट जैसे पवित्र स्थल पर निर्माण की अनुमति किसी भी हाल में नहीं दी जाएगी।
यह भी पढ़ें:  दरभंगा में बबाल! बीच सड़क पर इतने लोगों ने ' महिला ' को घेरा, मारपीट, छेड़खानी, फिर मांगी...

ग्रामीणों का विरोध और धरना

  • धरने में भरडीहा, खलासीन, भोलका, धरमपुर, गुलरिया और तरबन्ना के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
  • लोगों ने चेतावनी दी कि वे श्मशान घाट की पवित्रता को नष्ट करने वाली किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देंगे।

विधायक का हस्तक्षेप

स्थानीय विधायक अमन भूषण हजारी ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों की बात सुनी।

  • आश्वासन दिया:
    विधायक ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि श्मशान घाट पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं होगा।
  • धरना समाप्त:
    विधायक के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए और अपने-अपने घर लौट गए।
यह भी पढ़ें:  भूल जाइए अब Darbhanga की 800 साल पुरानी बातें, बदलेगा दरभंगा, ओह रे ताल मिले

निष्कर्ष

यह मामला क्षेत्रीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच संवाद की कमी और योजना के गलत चयन का नतीजा है। हालांकि, फिलहाल विवाद शांत हो गया है, लेकिन प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में श्मशान घाट जैसी पवित्र भूमि पर निर्माण को लेकर कोई विवाद न हो।

यह भी पढ़ें:  आखिर क्यूं आक्रोश में है दरभंगा, झूठे वादे, या सच? बस चहिए इंसाफ, हम कहां जाएं साहब?
--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें