Darbhanga Airport : पूछ रहा Darbhanga Chamber of Commerce ये Spicejet वाले क्या कर रहे हैं? जहां, पिछले कई दिनों स्पाइसजेट की कई उड़ान रद हो रही हैं। दरभंगा एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट की उड़ानों के बार-बार रद होने और इससे यात्रियों को हो रही असुविधा ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए एयरलाइन और संबंधित प्राधिकरणों की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।
मुख्य समस्याएं:
फ्लाइट्स का बार-बार यूं रद होना:
उड़ानों के रद्द होने का कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) बताया जा रहा है।
यात्रियों को एयरपोर्ट पर 4-5 घंटे इंतजार करने के बाद उड़ान रद होने की जानकारी दी जा रही है।
यात्रियों के लिए सुविधाओं का अभाव:
एयरलाइन की ओर से जलपान या अन्य सुविधाओं की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही।
एयरपोर्ट पर खरीदकर खाने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है।
छोटे बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
सूचना और प्रबंधन की कमी:
उड़ान में देरी या रद्द होने की जानकारी समय पर नहीं दी जाती।
यात्रियों को आवश्यक जानकारी देने वाला कोई प्रतिनिधि उपलब्ध नहीं होता।
विकल्प की कमी:
दृश्यता की समस्या के बावजूद दोपहर 12 से 3 बजे के बीच उड़ानें संचालित की जा सकती हैं, लेकिन स्पाइसजेट इसके लिए तैयार नहीं दिखती।
प्रभाव और चिंताएं:
दरभंगा की साख पर असर:
नेपाल और अन्य दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों के लिए यह स्थिति बेहद निराशाजनक है।
ऐसी स्थिति में लोग दरभंगा एयरपोर्ट के बजाय पटना या अन्य विकल्पों की ओर रुख करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की योजना पर सवाल:
चार वर्षों में भी विजिबिलिटी (कैट-I प्रणाली) की पूर्ण व्यवस्था न होना अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
क्या होना चाहिए?
कैट-I विजिबिलिटी सिस्टम का शीघ्र निरीक्षण:
यदि यह व्यवस्था तैयार है, तो इसका निरीक्षण और संचालन प्राथमिकता पर होना चाहिए।
यात्रियों की सुविधाएं:
नियमानुसार, तीन घंटे से अधिक देरी पर जलपान और अन्य सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य है।
एयरलाइंस को यात्रा की वैकल्पिक व्यवस्था (फ्लाइट री-शेड्यूल या रिफंड) भी समय पर करनी चाहिए।
सरकार और DGCA की भूमिका:
भारत सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को मामले की जांच करनी चाहिए।
यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस स्थिति के पीछे प्रबंधन की लापरवाही या साजिश न हो।
स्पाइसजेट और संबंधित प्राधिकरणों को जल्द से जल्द समाधान निकालना चाहिए, ताकि यात्रियों का भरोसा बना रहे और दरभंगा एयरपोर्ट की प्रतिष्ठा पर कोई आंच न आए।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका ने बताया
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका ने बताया कि पिछले दो दिनों से वे दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने जाते है, वहां 4 -5 घंटों इंतजार करने के बाद अंत में कह दिया जाता है कि विजिबिलिटी के कारण फ्लाइट रद हो गई है। यात्रीगण भूखे प्यासे एयरपोर्ट पर बैठे रहते हैं, न ही स्पाइसजेट वाले कोई जलपान की व्यवस्था करते है, न हीं एयरपोर्ट पर कोई इस तरह खरीद कर यात्री खा ले यह व्यवस्था है। छोटे बच्चों को बिलखते हुए देखा नहीं जाता है।
जलपान की व्यवस्था तो छोड़िए, सही तरीके से कोई जानकारी देने वाला भी नहीं मिलता
नियमानुसार समय से यदि तीन घंटे फ्लाइट लेट होती है तो यह व्यवस्था एयरलाइन्स की ओर से की जानी होती है, यहां तो जलपान की व्यवस्था तो छोड़िए सही तरीके से कोई जानकारी देने वाला भी वहां कोई नहीं होता है। यदि एयरलाइन्स चाहे तो दिन में 12 से 3 बजे तक विजिबिलिटी का समय रहता है। इसमें फ्लाइट के आने जाने की व्यवस्था कर सकता है।
spicejet वालों में इच्छा शक्ति की बेहद कमी
लेकिन, spicejet वालों की इच्छा शक्ति ही नहीं रहती है जो यह व्यवस्था करे। दूर-दूर से, नेपाल से लोग दरभंगा फ्लाइट पकड़ने आते है, यह स्थिति देखकर ये लोग दरभंगा आना नही चाहेंगे और दरभंगा के लोग ऐसी स्थिति में पटना जाना चाहेंगे। चार वर्ष हो गए। इतने दिनों में विजिबिलिटी की व्यवस्था नहीं हो सकी। फिर बताएं, हम किस तरह से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात कर सकते हैं।
यह बहुत ही शर्म की बात है, कोई साजिश तो नहीं?
जैसी जानकारी मिली है कि विजिबिलिटी की लिए कैट वन की तैयारी हो चुकी है, सिर्फ निरीक्षण के अभाव में यह कार्य रुक हुआ है। अगर ऐसी बात है तो यह बहुत ही शर्म की बात है कि एक तरफ यात्री परेशान हो रहे हैं, दूसरी ओर छोटी से लापरवाही से कार्य अवरुद्ध है। भारत सरकार को देखना चाहिए कि इस ओर कोई साजिश तो नहीं हो रही है।
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