दरभंगा के ऐतिहासिक दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) के पुनर्विकास की प्रक्रिया एक नए चरण में पहुंच चुकी है। बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BMSICL) को इस ₹1,666.03 करोड़ की लागत वाली परियोजना के लिए चार बड़ी कंपनियों से निविदाएं प्राप्त हुई हैं:
🔹 Larsen & Toubro Limited
🔹 NCC Limited
🔹 Ahluwalia Contracts
🔹 NECPL HCPL (JV)
दरभंगा को मिलेगा उच्चस्तरीय अस्पताल
इस पुनर्विकास योजना के तहत 250 सीटों वाले मेडिकल कॉलेज के साथ 1,700 बिस्तरों वाला आधुनिक अस्पताल तैयार किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाना है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में होगा बड़ा सुधार
✅ नई चिकित्सा सुविधाएं और आधुनिक उपकरणों से लैस अस्पताल
✅ मेडिकल कॉलेज में 250 छात्रों के लिए सीटें
✅ हाई-टेक चिकित्सा अवसंरचना का निर्माण
✅ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, जिससे उत्तर बिहार के मरीजों को मिलेगा लाभ
दरभंगा बनेगा उत्तर बिहार का हेल्थ हब?
दरभंगा, जिसे मिथिला का हृदय कहा जाता है, इस परियोजना के बाद उत्तर बिहार का सबसे बड़ा चिकित्सा केंद्र बन सकता है। इससे रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे और स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी।
परियोजना पर उठ रहे हैं सवाल
हालांकि, इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोग और विशेषज्ञ कुछ गंभीर सवाल भी उठा रहे हैं:
❗ पहले 2,100 बिस्तरों की थी योजना, अब घटकर 1,700 हुई
❗ PMCH को 5,000 बिस्तरों का अस्पताल मिल रहा, लेकिन DMCH की क्षमता घटाई जा रही
❗ पहले हुए शिलान्यास के बाद दोबारा नया टेंडर क्यों जारी हुआ?
स्थानीय नागरिकों ने चिंता जताई है कि दरभंगा जैसे महत्वपूर्ण शहर में अस्पताल की क्षमता घटाना उचित नहीं है।
सरकार की अगली रणनीति
सरकार द्वारा जल्द ही प्राप्त बोलियों की समीक्षा कर निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, सवाल यह है कि क्या यह परियोजना दरभंगा और पूरे उत्तर बिहार की वास्तविक जरूरतों को पूरा कर पाएगी? या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक फैसला साबित होगा?
अब देखना यह होगा कि सरकार इन सवालों का कैसे जवाब देती है और परियोजना की अंतिम रूपरेखा क्या होगी।
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