Prabhash Ranjan, दरभंगा। लंबित कांडों के अनुसंधान में लापरवाही बरतने को लेकर दो दरोगाओं को निंदन की सजा दी गई है। वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि बिशनपुर थाना के दारोगा सुशील कुमार राय, मब्बी थाना के दारोगा सुशील कुमार, और विश्वविद्यालय थाना के वीरेंद्र कुमार द्वारा अनुसंधान कार्यों में लापरवाही की गई थी।
समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
समीक्षात्मक टीम ने अनुसंधान की समीक्षा के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
- बिशनपुर थाना:
दारोगा सुशील कुमार राय को लंबित मामलों में अनुसंधान की लापरवाही के लिए दंडित किया गया। - मब्बी थाना:
दारोगा सुशील कुमार को भी अनुसंधान कार्य में लापरवाही के लिए निंदन की सजा दी गई।
सजा के प्रभाव
- सेवा पुस्तिका में दर्ज:
दोनों दरोगाओं की सेवा पुस्तिका (Service Book) में एक-एक निंदन की सजा दर्ज की गई है। - चेतावनी:
भविष्य में अनुसंधान कार्य में सुधार न होने पर विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। - पदोन्नति पर असर:
सरकारी नियमों के अनुसार, निंदन की सजा का असर पदोन्नति और वेतन वृद्धि पर पड़ सकता है।- तीन बार निंदन की सजा होने पर:
- नौकरी काल में पदोन्नति पर पूर्ण रोक।
- वेतन वृद्धि भी रोक दी जा सकती है।
- तीन बार निंदन की सजा होने पर:
निंदन की सजा का महत्व
सरकारी कार्य में लापरवाही के मामलों में निंदन की सजा दी जाती है, जो अनुशासनात्मक दंड का हिस्सा है।
- यह सजा कर्मचारी के कार्यकाल पर स्थायी दाग छोड़ती है।
- संबंधित अधिकारियों को भविष्य में अधिक सतर्कता बरतने का संकेत देती है।
भविष्य की कार्रवाई
वरीय पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि अगली समीक्षा में यदि अनुसंधान कार्यों में अपेक्षित सुधार नहीं होता है, तो विभागीय कार्यवाही शुरू की जाएगी। इसके तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
निष्कर्ष
सरकारी कार्यों में लापरवाही को लेकर यह कार्रवाई अन्य पुलिस अधिकारियों के लिए भी चेतावनी का काम करेगी। वरीय अधिकारियों ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह संदेश दिया है कि लंबित कांडों के अनुसंधान में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।