Bihar Land Survey @पटना | बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने भूमि सर्वेक्षण की समीक्षा बैठक में स्वघोषणा प्रक्रिया को लेकर अहम निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि रैयतों (भूमि स्वामियों) को सभी दस्तावेज अनिवार्य रूप से संलग्न करने की जरूरत नहीं है। जो कागजात उपलब्ध हैं, उन्हें संलग्न कर दें, बाकी दस्तावेज बाद में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
स्वघोषणा की समय सीमा बढ़ाने पर विचार
मंत्री सरावगी ने स्वघोषणा की अंतिम तिथि बढ़ाने की संभावना पर चर्चा की।
31 मार्च तक 1.15 करोड़ से अधिक स्वघोषणाएं प्राप्त हुईं।
इसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से प्राप्त आवेदनों को शामिल किया गया।
कम प्रगति वाले अंचलों पर कड़ी चेतावनी
समीक्षा के दौरान पाया गया कि कुछ जिलों में स्वघोषणा की संख्या बेहद कम है।
पश्चिम चंपारण के बेतिया, पिपरासी, मधुबनी, ठकराहा, भितहा में स्वघोषणा की संख्या सबसे कम रही।
पूर्वी चंपारण के पिपराकोठी, तुरकौलिया, बनकटवा, छौड़ादानो, रक्सौल में भी प्रगति धीमी रही।
बेतिया सदर में मात्र 187 स्वघोषणाएं और पिपरासी में सिर्फ 524 आवेदन मिले।
मंत्री ने 15 दिनों के भीतर सुधार नहीं होने पर कर्मियों को कार्यमुक्त करने की चेतावनी दी।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अंचल
अररिया सदर में 1,36,777 स्वघोषणाएं प्राप्त हुईं।
दरभंगा के बिरौल में 1,14,067 स्वघोषणाएं जमा हुईं।
बहेड़ी, कुशेश्वर स्थान, जौकीहाट, फारबिसगंज, पलासी, कल्याणपुर और नबीनगर में भी रैयतों की भागीदारी संतोषजनक रही।
आईटी सर्वर की समस्या पर संज्ञान
मंत्री को सर्वर की खराबी से हो रही परेशानी की जानकारी दी गई।
आईटी टीम ने बताया कि 9 प्रमंडलों का डाटा अलग करने में समय लगा, लेकिन अब प्रक्रिया तेज हो रही है।
स्वघोषणा ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को डेमो के माध्यम से भी समझाया गया।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्वेक्षण में तेजी लाई जाए और रैयतों को हर संभव सहायता दी जाए, ताकि भूमि रिकॉर्ड दुरुस्त किया जा सके।